महाराष्ट्र विधानसभा के अध्यक्ष राहुल नार्वेकर ने एकनाथ शिंदे दल को मान्यता दी, तो उद्धव ठाकरे कैंप सुप्रीम कोर्ट पहुंच चुका है. दोनों ही कैंपों की तरफ से असली-नकली की दावेदारी है. दोनों ही तरफ से विधायकों की सदस्यता रद्द करने की मांग है. और अगर यही हालत रहे तो असली-नकली की लड़ाई में शिवसेना का असली चुनाव निशान भी छिन सकता है. ऐसे में चुनाव आयोग दोनों ही दलों को अलग-अलग निशान दे सकता है. इस बीच, एकनाथ शिंदे के बगावत उद्धव ठाकरे ने दूसरी बार सुप्रीम कोर्ट में शिकायत करते हुए याचिका की है. जबकि पहली बार शिवसेना ने एकनाथ शिंदे समेत 16 विधायकों के निलंबन को लेकर सुप्रीम कोर्ट में याचिका की थी.
विधानसभा में अब तक क्या-क्या हुआ
एकनाथ शिंदे के उद्धव ठाकरे से बगावत कर भाजपा के साथ मुख्यमंत्री की शपथ ली, लेकिन इन सब के बीच एकनाथ शिंदे और उनके 40 विधायको ने खुद को हमेशा से ही असली शिवसैनिक ही बताया. विधिमंडल के अध्यक्ष चुनाव और विश्वास प्रस्ताव के दौरान ठाकरे की शिवसेना के नए गुट नेता अजय चौधरी और विप सुनील प्रभु द्वारा जारी किए विप के खिलाफ जाकर मतदान किया था. इसकी शिकायत अजय चौधरी ने विधान सभा अध्यक्ष को लिखित में कर दी. वहीं दूसरी तरफ एकनाथ शिंदे गुट ने भी आदित्य ठाकरे और उनके 14 विधायकों पर एकनाथ शिंदे गुट के खिलाफ मतदान करने का शिकायत पत्र अध्यक्ष को दिया है.
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दोनों दलों की शिकायत
बता दें कि भाजपा के विधायक और मौजूदा अधिवेशन के अध्यक्ष राहुल नार्वेकर ने एकनाथ शिंदे दल को मान्यता दी है. और अब यही सब से बड़ी चुनौती उद्धव ठाकरे के सामने है. शिवसेना के 55 विधायको में से मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे दल में 40 और आदित्य ठाकरे की शिवसेना में कुल 15 विधायक है. सुप्रीम कोर्ट के साथ साथ अब चुनाव आयोग के सामने भी उद्धव ठाकरे ओर एकनाथ शिंदे को शिवसेना पार्टी पर दावा करने के लिए कानूनन लड़ाई का सामना करना पड़ेगा. ऐसे में पार्टी के चुनाव चिन्ह धनुषबाण रद्द होने की संभावना है.
क्या कहा उद्धव ठाकरे ने?
सूत्रों के मुताबिक उद्धव ठाकरे ने शिवसेना भवन में पार्टी पदाधिकारियों के साथ हुई बैठक में शिवसेना पार्टी के चुनाव चिन्ह को लेकर यह बड़ी बात कही है कि अगर हमारा धनुषबाण चुनाव चिन्ह बदल दिया जाता है तो तैयार रहिए. उद्धव ठाकरे ने कहां कि सुप्रीम कोर्ट, चुनाव आयोग में लड़ाई जारी है. लेकिन इन सब के बीच शिवसेना के 'धनुषबाण' चुनाव चिन्ह को अगर बदल दिया जाता है, तो नए चुनाव चिन्ह को लेकर हमें तैयार रहना है. असावधान रहकर काम नहीं बनेगा. नए चुनाव चिन्ह को कम से कम समय में अधिकतर लोगों के पास पहुंचाने की तथा उसका प्रचार बड़े पैमाने में करने का आदेश भी उद्धव ठाकरे ने दिया है.
HIGHLIGHTS
- असली-नकली की लड़ाई बनी नाक का सवाल
- लड़ाई में छिन सकता है शिवसेना का चुनाव निशान
- पार्टी पर शिंदे गुट का दावा मजबूत, उद्धव ने भी कसी कमर