Maharashtra News: महाराष्ट्र के बदलापुर में नर्सरी की दो मासूम बच्चियों के साथ हुए यौन उत्पीड़न की घटना ने राज्यभर में आक्रोश पैदा कर दिया है. इस घटना को लेकर महाविकास अघाड़ी (एमवीए) ने 24 अगस्त को राज्यव्यापी प्रदर्शन का आह्वान किया. पुणे में इस विरोध प्रदर्शन का नेतृत्व एनसीपी-एसपी प्रमुख शरद पवार ने किया. उनके साथ महागठबंधन के घटक दलों शिवसेना-यूबीटी और कांग्रेस के नेता और कार्यकर्ता भी शामिल हुए.
शरद पवार का काला विरोध
आपको बता दें कि शरद पवार इस विरोध प्रदर्शन के दौरान काले रंग का मास्क पहने हुए थे और उन्होंने अपनी कलाई पर काले रंग का बैंड बांध रखा था. यह प्रतीकात्मक विरोध दर्शाता है कि एमवीए इस घिनौने अपराध के खिलाफ एकजुट है. प्रदर्शन में शामिल अन्य लोग भी काले बैंड पहनकर विरोध जता रहे थे. यह विरोध केवल एक घटना के खिलाफ नहीं था, बल्कि पुलिस की कार्रवाई पर भी सवाल उठाता है.
पुलिस पर सवाल और एसआईटी जांच का आदेश
वहीं बदलापुर की इस घटना में पुलिस की भूमिका पर भी सवाल उठाए गए हैं. आरोप है कि पीड़ित बच्चियों के माता-पिता को शिकायत दर्ज कराने के लिए 12 घंटे तक थाने में बैठाकर रखा गया. इस देरी के चलते जनता का गुस्सा और भड़क उठा. विरोध के बाद एफआईआर दर्ज की गई और आरोपी को गिरफ्तार किया गया, लेकिन इस मामले में पुलिस की सुस्ती ने जनता को निराश किया है. साथ ही गुस्साए लोगों ने स्कूल के बाहर ही नहीं, बल्कि भीतर भी तोड़-फोड़ की और रेल रोको आंदोलन का आयोजन किया. महाराष्ट्र सरकार ने एसआईटी जांच के आदेश देकर इस मामले की गंभीरता को स्वीकार किया, लेकिन इससे भी जनता का गुस्सा शांत नहीं हुआ है.
राजनीतिक रंग लेता मामला
इसके अलावा आपको बता दें कि यह घटना अब राजनीतिक विवाद का कारण बन गई है. विपक्षी दल कांग्रेस और शिवसेना-यूबीटी ने आरोप लगाया है कि स्कूल के पदाधिकारियों का संबंध बीजेपी से है और उन्हें बचाने की कोशिश की जा रही है. एनसीपी-एसपी की नेता सुप्रिया सुले ने उप मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस के इस्तीफे की मांग की है. वहीं, राज्य के विभिन्न हिस्सों में एमवीए के नेताओं ने काले झंडे लहराकर और काली पट्टी बांधकर विरोध प्रदर्शन किया. इस विरोध प्रदर्शन के जरिए एमवीए ने यह संदेश दिया कि वे बदलापुर की घटना के दोषियों को किसी भी हालत में बख्शने के मूड में नहीं हैं, और न्याय की मांग के लिए वे अंत तक लड़ेंगे.