महाराष्ट्र : काम पर लौटने की उम्मीद के साथ घर जा रहे प्रवासी मजदूर

शाह ने कहा, 'मैं क्यों नहीं लौटकर आऊंगा? मैं पिछले तीन साल से यहां दर्जी का काम कर रहा हूं. शहर ने मुझे रोजी रोटी दी है. एक बार स्थिति सामान्य हो जाए, मैं शहर लौट आऊंगा.'

author-image
Aditi Sharma
New Update
labour

महाराष्ट्र : काम पर लौटने की उम्मीद के साथ घर जा रहे प्रवासी मजदूर( Photo Credit : प्रतिकात्मक तस्वीर)

 महाराष्ट्र के पुणे शहर से नौकरी गंवाने के बाद अपने गृह राज्यों को लौटे कई प्रवासी मजदूरों को उम्मीद है कि स्थिति सामान्य हो जाएगी और वे काम पर लौट पाएंगे. लेकिन उनका कहना है कि चूंकि उनके पास फिलहाल कोई काम नहीं है और वे आर्थिक संकट का सामना कर रहे हैं, उनके पास अपने घरों को लौटने और बेहतर समय आने का इंतजार करने के अलावा कोई विकल्प नहीं बचा है. उ

Advertisment

उत्तर प्रदेश में गोरखपुर जा रही ट्रेन में सवार होने से पहले पुणे रेलवे स्टेशन पर बातचीत में 24 वर्षीय सराजुद्दीन शाह ने बताया कि वह यहां लक्ष्मी रोड पर एक दुकान में दर्जी का काम करते हैं और ग्राहक न मिलने की वजह से उन्होंने अपने मूल निवास स्थान पर लौटने का फैसला किया. यह पूछने पर कि क्या वह पुणे लौटना चाहेंगे, शाह ने कहा, 'मैं क्यों नहीं लौटकर आऊंगा? मैं पिछले तीन साल से यहां दर्जी का काम कर रहा हूं. शहर ने मुझे रोजी रोटी दी है. एक बार स्थिति सामान्य हो जाए, मैं शहर लौट आऊंगा.'

शाह के अलावा कम से कम 10 अन्य दर्जी थे जो लक्ष्मी रोड पर अलग-अलग दुकानों में काम करते थे, वे भी उत्तर प्रदेश लौटने के लिए ट्रेन का इंतजार कर रहे थे. उनका कहना है कि अगर पुणे में अभी दुकानें खुल भी जाएं तो इस बात की बहुत कम संभावना है कि उन्हें जल्द ग्राहक मिल पाएंगे. समूह के एक अन्य दर्जी, मोहन प्रसाद (30) ने कहा कि वह अपने घर इसलिए लौट रहे हैं क्योंकि उनका परिवार वहां उन्हें लेकर चिंतित है और उनसे लौटने को कहा है.

उन्होंने कहा, 'मैं पिछले पांच-छह साल से लक्ष्मी रोड पर दर्जी की दुकान में काम कर रहा था. लॉकडाउन के बाद, मुझे राशन किट मिल रहा था, लेकिन दिन पर दिन गुजारा मुश्किल होता जा रहा था और चूंकि ‘बीमारी’ (कोविड-19) दिनोंदिन बढ़ रही है, मेरे परिजन और पत्नी घर पर चिंतित हो रही थी और उन्होंने मुझे घर लौटने को कहा.' हालांकि, प्रसाद ने कहा कि स्थिति सामान्य होने के बाद वह पुणे लौटने को बेताब हैं.

बिहार के रहने वाले रमैया यादव ने कहा कि वह पुणे के शिवाजी नगर इलाके में रह रहे थे जो कोविड-19 से अत्यधिक प्रभावित है। बिहार जाने वाली ट्रेन की प्रतीक्षा करते हुए उन्होंने कहा, 'इलाके में रहना बहुत मुश्किल हो रहा था और लॉकडाउन के बीच किसी दूसरी जगह पर रहने जाना बहुत मुश्किल था इसलिए मैंने घर जाने का फैसला चुना.' यादव ने कहा, 'लेकिन मैं स्थिति सामान्य होने पर पुणे लौटकर आऊंगा.' पुणे जिला प्रशासन ने अब तक 1.2 लाख प्रवासी मजदूरों को श्रमिक स्पेशल ट्रेन से उनके गृह राज्यों को भेजा है.

Source : Bhasha

maharashtra lockdown corona migrant worker
      
Advertisment