महाराष्ट्र में दो हजार से अधिक कर्मचारियों को हटाने के फैसले पर अंतरिम रोक

इस साल 11 जुलाई को राज्य सरकार (मंत्रिमंडल) ने एक प्रस्ताव पारित कर सामान्य वर्ग में विभिन्न पदों पर नियुक्त दो हजार से अधिक उम्मीदवारों को हटाने का निर्देश दिया था.

इस साल 11 जुलाई को राज्य सरकार (मंत्रिमंडल) ने एक प्रस्ताव पारित कर सामान्य वर्ग में विभिन्न पदों पर नियुक्त दो हजार से अधिक उम्मीदवारों को हटाने का निर्देश दिया था.

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yogesh bhadauriya
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(प्रतीकात्मक तस्वीर)( Photo Credit : News State)

महाराष्ट्र में मराठा समुदाय के लोगों को नौकरी देने के लिए सामान्य वर्ग में सरकारी नौकरी कर रहे दो हजार से अधिक लोगों की सेवायें समाप्त करने के प्रदेश सरकार के फैसले पर बाम्बे उच्च न्यायालय ने शुक्रवार को अंतरिम रोक लगा दी है. इस साल 11 जुलाई को राज्य सरकार (मंत्रिमंडल) ने एक प्रस्ताव पारित कर सामान्य वर्ग में विभिन्न पदों पर नियुक्त दो हजार से अधिक उम्मीदवारों को हटाने का निर्देश दिया था.

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इस प्रस्ताव में कहा गया था कि इन पदों पर अब मराठा समुदाय के सामाजिक एंव शैक्षिक रूप से पिछड़े वर्ग के उम्मीदवारों की नियुक्ति की जाएगी . महाराष्ट्र विधानसभा ने 30 नवंबर 2018 को एक विधेयक पारित कर सरकार द्वारा शैक्षिक एवं सामाजिक रूप से पिछड़ा घोषित मराठा समुदाय को शिक्षा एवं सरकारी नौकरियों में आरक्षण देने की व्यवस्था की थी.

जिन लोगों की सेवा समाप्त कर दी गयी है उनमें से 20 लोगों ने उच्च न्यायालय का दरवाजा खटखटाया था . न्यायमूर्ति आर वी मोरे और न्यायमूर्ति एम एस कार्णिक की खंडपीठ ने इस प्रस्ताव पर अंतरिम रोक लगाते हुए मामले में सरकार को यथा स्थिति बनाये रखने का निर्देश दिया . अदालत ने ममाले की सुनवाई के लिए पांच दिसंबर की तारीख मुकर्रर की है .

Source : PTI

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