अजित पवार और शरद पवार के बीच सुलह नहीं हुई तो फिर सुप्रीम कोर्ट पहुंच सकता है मामला
कुछ जानकारों का ये भी कहना है कि आगे चलकर फ्लोर टेस्ट के दौरान भी विवाद हो सकता है और मामला एक बार फिर सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) जा सकता है.
नई दिल्ली:
महाराष्ट्र में जारी सियासी घमासान का मामला सुप्रीम कोर्च पहुंच चुका है. सोमवार को हुई सुनवाई में सुप्रीम कोर्ट ने अपना फैसला सुरक्षित रख लिया था जिसके बाद आज यानी मंगलवार को कोर्ट अपना फैसला सुनाएगा. इस लिहाज से आज का दिन महाराष्ट्र के लिए बेहद खास है. वहीं दूसरी तरफ देवेंद्र फडणवीस (Devendra Fadnavis) की सरकार को बचाने के लिए बीजेपी (BJP) हरसंभव कोशिशों में जुटी है. एक तरफ कानूनी दांव-पेच पर पार्टी विचार करने में जुटी है, दूसरी तरफ नितिन गडकरी (Nitin Gadkari), पीयूष गोयल (Piyush Goyel) जैसे केंद्रीय मंत्रियों से लेकर पार्टी महासचिव भूपेंद्र यादव (Bhupendra Yadav) और सांसदों की टीम को विधायकों से संपर्क के लिए मोर्चे पर लगाया गया है. इस बीच कुछ जानकारों का ये भी कहना है कि आगे चलकर फ्लोर टेस्ट के दौरान भी विवाद हो सकता है और मामला एक बार फिर सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) जा सकता है.
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कैसे हो सकता है विवाद
भले ही शरद पवार ने अजित पवार को विधायक दल के नेता के पद से हटा दिया है लेकिन तकनीकि रूप से वह अभी विधायक दल के नेता है. वहीं शरद पवार ने जयंत पाटिल को विधायक दल के नए नेता के रूप नियुक्त कर दिया है. ऐसे में माना जा रहा है कि फ्लोर टेस्ट से पहले अजित पवार और जयंत पाटिल (नए विधायक दल नेता) दोनों ने व्हिप जारी कर दिया तो बहुमत की संख्या में विवाद के साथ दलबदल का मामला भी बनेगा. ऐसे में विवाद की स्थिति में ममाल एक बार फिर सुप्रीम कोर्ट आ सकता है.
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वहीं बताया जा रहा है कि अजित पवार के व्हिप को दो बिंदुओं पर वैधता मिल सकती है. मसलन, शरद पवार ने उन्हें विधायक दल के नेता के पद से हटाया है मगर पार्टी से नहीं हटाया है. दूसरी तरफ तीन दलों द्वारा जिस महाविकास अघाडी गठबंधन की सरकार बनाने की बात की जा रही है, उसके नेता के बारे में औपचारिक तौर पर सुप्रीम कोर्ट को नहीं बताया गया.'
एनसीपी के कुल 54 विधायक हैं. अगर स्पीकर ने अजित पवार का व्हिप माना तो फिर उनके फैसले के खिलाफ जाने वाले 53 अन्य विधायकों के वोट निरस्त हो जाएंगे. जिससे बहुमत के लिए आंकड़ा 118 रह जाएगा. इतने विधायकों का बंदोबस्त फिलहाल बीजेपी के पास है. बीजेपी के पास अपने 105 और 13 निर्दलीय विधायकों के समर्थन का दावा किया गया है. देवेंद्र फडणवीस की मौजूदगी में पिछले दिनों हुई बैठक में 118 विधायक मौजूद रहे हैं. बीजेपी के नेताओं का मानना है कि शपथ से पहले अजित पवार ने विधायक दल के नेता की हैसियत से समर्थन पत्र दिया था, इस नाते कानूनी पेच नहीं फंसता.
वहीं इससे पहले सोमवार को मुंबई के होटल हयात में 162 विधायकों की परेड में एनसीपी के अध्यक्ष शरद पवार (Sharad Pawar) ने अपने भतीजे अजित पवार (Ajit Pawar) पर एक्शन की बात कही. उन्होंने कहा, अजित पवार के खिलाफ कार्रवाई करेंगे, वो किसी प्रकार का फैसला नहीं ले सकते हैं. इसके अलावा ही उन्होंने कहा कि अब तीनों पार्टियां शिवसेना, कांग्रेस और एनसीपी मिलकर आगे का कोई फैसला लेगी. उन्होंने आगे कहा कि व्हिप न मानने वालों के खिलाफ भी कार्रवाई होगी.
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