मराठा आरक्षण के लिए अध्यादेश को मिली राज्यपाल की मंजूरी, आज से हुआ लागू

अध्यादेश को राज्यपाल की ओर से मंजूरी मिलने के बाद अब अब शैक्षिक वर्ष 2019 - 20 से एसईबीसी वर्गों से संबंधित उम्मीदवारों को इसका लाभ मिलेगा.

अध्यादेश को राज्यपाल की ओर से मंजूरी मिलने के बाद अब अब शैक्षिक वर्ष 2019 - 20 से एसईबीसी वर्गों से संबंधित उम्मीदवारों को इसका लाभ मिलेगा.

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Vineeta Mandal
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मराठा आरक्षण के लिए अध्यादेश को मिली राज्यपाल की मंजूरी, आज से हुआ लागू

महाराष्ट्र के राज्यपाल सी विद्यासागर राव ने आज पोस्ट ग्रेजुएट मेडिकल पाठ्यक्रमों में मराठा छात्रों को आरक्षण देने के लिए सामाजिक और शैक्षिक रूप से पिछड़े वर्गों (एसईबीसी) आरक्षण अधिनियम, 2018 में संशोधन करने के लिए अध्यादेश पर हस्ताक्षर कर दिए हैं. जिसके बाद ये आज लागू भी हो गया है. बता दें कि इससे पहले महाराष्ट्र मंत्रिमंडल ने शुक्रवार को आरक्षण अधिनियम, 2018 में संशोधन करने के लिए अध्यादेश का मंजूरी दी थी.

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अध्यादेश को राज्यपाल की ओर से मंजूरी मिलने के बाद अब अब शैक्षिक वर्ष 2019 - 20 से एसईबीसी वर्गों से संबंधित उम्मीदवारों को इसका लाभ मिलेगा. इसके साथ ही NEET या किसी अन्य राष्ट्रीय प्रवेश परीक्षा में उत्तीर्ण होने की आवश्यकता वाले अंडर-ग्रेजुएट पाठ्यक्रम शामिल हैं.

बॉम्बे उच्च न्यायालय ने चार मई को कहा था कि राज्य की तरफ से आठ मार्च को सामाजिक एवं आर्थिक पिछड़ा वर्ग (एसईबीसी) श्रेणी के तहत मराठा समुदाय को दिया गया 16 प्रतिशत आरक्षण इस साल के स्नातकोत्तर मेडिकल एवं डेंटल कोर्स में प्रवेश के संबंध में लागू नहीं होगा.

इसके बाद, राज्य सरकार ने सर्वोच्च न्यायालय का रुख किया और उच्च न्यायालय के फैसल पर रोक लगाने की मांग की ताकि उन्हें अपील करने का समय मिले. हालांकि, सर्वोच्च न्यायालय ने यह कहते हुए उच्च न्यायालय के फैसले को बरकरार रखा कि प्रवेश परीक्षा की प्रक्रिया शुरू होने के बाद अधिनियम लागू किया गया और एसईबीसी अधिनियम का अनुच्छे 16(2) ऐसी स्थिती में आरक्षण को खारिज करता है.

राज्य सरकार ने तर्क दिया कि एसईबीसी के तहत प्रवेश पाने वाले इन छात्रों को अखिल भारतीय कोटे के तहत प्रवेश दिया गया था जिसे उन्होंने रद्द कर दिया था और इसलिए उनका एक वर्ष खराब हो जाएगा.

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सर्वोच्च न्यायालय ने प्रवेश की समय सीमा 18 मई से 25 मई तक बढ़ा दी है, लेकिन छात्रों का दावा है कि इतना समय पर्याप्त नहीं होगा. इन घटनाक्रमों के बाद महाराष्ट्र कॉमन एंट्रेंस टेस्ट (सीईटी) सेल ने एसईबीसी कोटे के तहत दिए गए प्रवेश रद्द करने के आदेश जारी किए थे.

गौरतलब है कि पिछले साल 30 नवंबर को महाराष्ट्र सरकार ने एसईबीसी के तहत मराठा समुदाय के लिए नौकरियों और शिक्षा में 16 प्रतिशत आरक्षण का प्रस्ताव दिया था. राज्य सरकार पर पहले से उचित कानूनी सावधानी न बरतने का आरोप लगाते हुए प्रदर्शनकारी छात्रों ने रविवार को मुख्यमंत्री के बंगले की घेराबंदी करने का प्रयास किया, लेकिन पुलिस ने उन्हें खदेड़ दिया.

Source : News Nation Bureau

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