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महाराष्ट्र के राज्यपाल की टिप्पणी धर्मनिरपेक्षता के संवैधानिक सिद्धांत के खिलाफ: कांग्रेस

महाराष्ट्र में सत्तारूढ़ गठबंधन में शामिल कांग्रेस ने मंगलवार को आरोप लगाया कि मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे को लिखे पत्र में पूजा स्थलों को पुन: खोलने की राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी की टिप्पणी धर्मनिरपेक्षता के संवैधानिक सिद्धांत के खिलाफ है.

Updated on: 13 Oct 2020, 10:13 PM

मुंबई:

महाराष्ट्र में सत्तारूढ़ गठबंधन में शामिल कांग्रेस ने मंगलवार को आरोप लगाया कि मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे को लिखे पत्र में पूजा स्थलों को पुन: खोलने की राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी की टिप्पणी धर्मनिरपेक्षता के संवैधानिक सिद्धांत के खिलाफ है. राज्य कांग्रेस के प्रमुख और राजस्व मंत्री बालासाहेब थोराट ने संवाददाताओं से कहा कि कोश्यारी भाजपा शासित गोवा के भी राज्यपाल हैं जहां कोरोना वायरस के कारण पूजा स्थल अब भी बंद हैं.

बाबासाहेब थोरात ने कहा कि राज्यपाल ने जो कहा है, वह संविधान में धर्मनिरपेक्षता के सिद्धांत के खिलाफ है. हमें लगता है कि यह उचित नहीं है. क्या राज्यपाल के पत्र में प्रयुक्त भाषा को राष्ट्रपति अनुमोदित करेंगे?. कांग्रेस नेता ने कहा कि राज्य में कोरोना वायरस की स्थिति से निपटने के लिए ठाकरे ने व्यक्तिगत रूप से ध्यान दिया और राज्यपाल को महामारी से निपटने के लिए राज्य सरकार के प्रयासों की सराहना करनी चाहिए थी.

उन्होंने कहा कि गोवा में भी शराब की दुकानें खुली हैं, लेकिन मंदिर बंद हैं. मुझे लगता है कि उन्होंने (राज्यपाल) वहां कोई पत्र नहीं भेजा है.

संजय राउत बोले- शिवसेना न हिंदुत्व भूली है और न भूलेगी, लेकिन...

कोरोना वायर की महामारी के बीच कई बार महाराष्ट्र में राजनीति गरमा गई है. अब राज्य में एक बार फिर धार्मिक स्थल खोलने को लेकर जुबानी जंग शुरू हो गई है. इस मामले को लेकर राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी ने सीएम उद्धव ठाकरे को पत्र लिखा है, जिसके बाद ये विवाद शुरू हो गया है. इस मसले पर शिवसेना के सांसद संजय राउत (Sanjay Raut) ने कहा कि शिवसेना न हिंदुत्व भूली है और न ही भूलेगी. गिरगिट की तरह रंग बदलना हिन्दुत्व नहीं होता है.

शिवसेना नेता संजय राउत ने कहा, शिवसेना का हिंदुत्व प्राण है, आत्मा है और ये हमेशा साथ रहेगा. जिन लोगों ने शिवसेना पर सवाल उठाए हैं उनको आत्मनिर्भर होकर आत्मचिंतन करना चाहिए. जो उद्धव ठाकरे के नेतृत्व में तीन पार्टी की गठबंधन सरकार चल रही है, वह बहुत मजबूत है और नियमों का पूरी तरह पालन करके सरकार चल रही है. 

महाराष्ट्र के राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी द्वारा दिए गए बयान पर संजय राउत ने कहा कि मंदिर और बार की तुलना करना गलत है. पीएम मोदी ने कहा कि महाराष्ट्र में कोरोना का खतरा टला नहीं है. अगर देश के प्रधानमंत्री को कोरोना वायरस का यहां खतरा लग रहा है तो महाराष्ट्र के राज्यपाल को इस पर सोचना चाहिए. सीएम उद्धव ठाकरे को जनता के हित में फैसला लेने का पूरा अधिकार है.

महाराष्ट्र में मंदिर पर बवाल: राज्यपाल और CM में छिड़ा लेटर वॉर

महाराष्ट्र के राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी ने मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे को चिट्ठी लिखी है और महाराष्ट्र में मंदिरों को खोलने की गुजारिश की है. राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी ने उद्धव ठाकरे के लिए पत्र में लिखा है कि मेरा आपसे अनुरोध है कि सभी आवश्यक कोविड-19 सावधानियों के साथ सभी पूजा स्थलों को फिर से खोलने की घोषणा करें. हालांकि राज्यपाल के पत्र पर मुख्यमंत्री ठाकरे ने भी जवाब दिया है.

'आप हिंदुत्व के मजबूत पक्षधर रहे हैं. आपने मुख्यमंत्री के रूप में कार्यभार ग्रहण करने के बाद अयोध्या जाकर भगवान राम की भक्ति के लिए सार्वजनिक रूप से निष्ठा जताई थी. आपने पंढरपुर में विट्ठल रुक्मिणी मंदिर का दौरा किया था और आषाढ़ी एकादशी पर पूजा की थी.' पत्र में राज्यपाल ने आगे लिखा, 'क्या आप खुद सेकूलर हो गए है या फिर आपको किसी दैवी शक्ति का साक्षात्कार हो रहा है इस लिए आप मंदिर नहीं खोल रहे है.'

राज्यपाल के इस पत्र का जवाब देने में मुख्यमंत्री ठाकरे ने भी देरी नहीं की है. सीएम ने कुछ ही मिनटों के बाद राज्यपाल के पत्र का जवाब दिया और कहा, 'जैसा कि अचानक से लॉकडाउन को लागू करना सही नहीं था, एक बार में इसे पूरी तरह से रद्द करना भी अच्छी बात नहीं होगी.' इसके साथ ही ठाकरे ने जवाब में लिखा, 'मेरे हिंदुत्व का जिक्र जो आपने किया है, उससे मैं सहमत हूं, लेकिन इसके लिए मुझे आपके सर्टिफिकेट की जरूरत नहीं है.'