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कोरोना महामारी में अनाथ हुए बच्चों की जिम्मेदारी उठाएगी महाराष्ट्र सरकार

महाराष्ट्र कैबिनेट में कोरोना महामारी में अनाथ हुए बच्चों को लेकर राज्य सरकार का बड़ा फैसला. कोरोना महामारी में अनाथ हुए बच्चों की जिम्मेदारी उठाएगा महाराष्ट्र सरकार. बाल संगोपन योजना के तहत जिन बच्चो ने अपने एक या दोनों पेरेंट्स खोए हो ऐसे बच्चों के खाते में पाँच लाख रूपये डिपॉजिट किये जायेंगे.

Updated on: 02 Jun 2021, 05:58 PM

मुंबई:

महाराष्ट्र कैबिनेट में कोरोना महामारी में अनाथ हुए बच्चों को लेकर राज्य सरकार का बड़ा फैसला. कोरोना महामारी में अनाथ हुए बच्चों की जिम्मेदारी उठाएगा महाराष्ट्र सरकार. बाल संगोपन योजना के तहत जिन बच्चो ने अपने एक या दोनों पेरेंट्स खोए हो ऐसे बच्चों के खाते में पाँच लाख रूपये डिपॉजिट किये जायेंगे. जब बच्चा 21 साल का होगा तब उसको यह 5 लाख और प्रतीमहा 7% के ब्याज के साथ पूरी रकम मिल जायेगी. इसके अलावा हर अनाथ बच्चे के खाते में प्रतीमहा 2500 रूपये मिलेंगे. ( फ़िलहाल प्रतीमहा 1500 रूपये मिल रहे है जुलाई से इस राशी में एक हजार और बढ़ाये जायेंगे) राज्य में कोरोना महामारी में 162 बच्चे ऐसे है जिनके दोनों पेरेंट्स का देहान्त हुआ है जब की 5172 बच्चों के एक पेरेंट्स का देहान्त हुआ है..इन सभी बच्चों को इस योजना का लाभ मिलेगा. अगर महामारी इसी तरह महामारी का प्रकोप रहा तो अनाथ बच्चों का आंकड़ा आगे और बढ़ सकता है.

केंद्र सरकार ने कोरोना से माता-पिता को खोने वाले बच्चों के लिए बड़ा एलान किया है

केंद्र सरकार ने हाल ही में कोरोना से माता-पिता को खोने वाले बच्चों के लिए बड़ा एलान किया है. ऐसे बच्चों को मुफ्त शिक्षा और इलाज की सुविधा मिलेगी. 18 वर्ष पूरा होने पर मासिक आर्थिक सहायता(स्टाइपेंड) और 23 वर्ष का होने पर दस लाख रुपये की आर्थिक मदद मिलेगी. योजना के अनुसार, पीएम केयर की धनराशि से अनाथ बच्चों के लिए फंड की व्यवस्था होगी. ऐसे बच्चों के लिए 10 लाख रुपये का पीएम केयर से फंड बनेगा, जिसके तहत 18 वर्ष का होने के बाद बच्चों को अगले पांच वर्ष तक जरूरतों के लिए मासिक धनराशि मिलेगी, वहीं 23 वर्ष का पूरा होने पर एकमुश्त 10 लाख रुपये का फंड मिलेगा.

पीएम केयर फंड के तहत 18 वर्ष पूरा होने पर दस लाख रुपये का फंड बनेगा. 18 वर्ष पूरा होने के बाद इस फंड से पांच वर्ष तक मासिक आर्थिक सहायता मिलेगी. यह धनराशि उच्च शिक्षा के लिए जरूरतों को पूरा करने में मदद मिलेगी. 23 वर्ष की पूरी होने पर 10 लाख रुपये मिलेंगे.

इसी तरह दस वर्ष से कम उम्र के बच्चों को नजदीकी केंद्रीय विद्यालय में दाखिला मिलेगा. अगर प्राइवेट स्कूल में बच्चे के दाखिला होगा तो पीएम केयर से फीस दी जाएगी. पीएम केयर से बच्चे के यूनिफॉर्म, कापी और किताब भी खरीदी जाएगी. 11 से 18 साल के विद्यार्थियों को केंद्र सरकार के अधीन संचालित सैनिक स्कूल, नवोदय विद्यालय आदि में दाखिला मिलेगा. उच्च शिक्षा के लिए ऐसे बच्चों को ब्याज मुक्त लोन मिलेगा. लोन पर ब्याज की अदायगी पीएम केयर फंड से होगी. कोरोना के कारण माता-पिता को खोने वाले बच्चों को आयुष्मान भारत योजना के तहत पांच लाख रुपये तक मुफ्त इलाज की सुविधा मिलेगी. 18 वर्ष तक होने तक पीएम केयर फंड से बीमा की किश्त भरी जाएगी.