logo-image

महाराष्ट्र सरकार करेगी म्यूकरमायकोसिस का मुफ्त इलाज, HC में दिया बयान

महाराष्ट्र अभी कोरोना वायरस संक्रमण से उबर ही रहा था कि एक नई बीमारी म्यूकरमाइकोसिस ने एक बार फिर राज्य सरकार को सकते में डाल दिया है. हालांकि सोमवार को सूबे की उद्धव ठाकरे सरकार ने म्यूकरमाइकोसिस बीमारी का इलाज मुफ्त में करने का ऐलान कर दिया है.

Updated on: 24 May 2021, 05:48 PM

highlights

  • महाराष्ट्र सरकार ब्लैक फंगस का मुफ्त इलाज करेगी
  • बॉम्बे हाई कोर्ट में महाराष्ट्र सरकार ने किया ऐलान
  • जिन लोगों के पास स्वास्थ्य बीमा नहीं उन्हें भी मिलेगा लाभ

मुंबई:

महाराष्ट्र अभी कोरोना वायरस संक्रमण से उबर ही रहा था कि एक नई बीमारी म्यूकरमाइकोसिस ने एक बार फिर राज्य सरकार को सकते में डाल दिया है. हालांकि सोमवार को सूबे की उद्धव ठाकरे सरकार ने म्यूकरमाइकोसिस बीमारी का इलाज मुफ्त में करने का ऐलान कर दिया है. सीएम ठाकरे ने ये ऐलान बॉम्बे हाई कोर्ट में किया है कि महाराष्ट्र में सरकारी सेहत योजनाओं के तहत म्यूकरमाइकोसिस का इलाज एकदम मुफ्त होगा. आपको बता दें कि महाराष्ट्र सरकार के इस ऐलान का फायदा उन मरीजों को भी मिलेगा जिनके पास बीमा योजनाओं के कार्ड नही हैं.

महाराष्ट्र सरकार ने कहा कि ज्योतिबा फुले जन आरोग्य योजना और प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना के तहत म्यूकरमाइकोसिस के मरीजों को मुफ्त में इलाज दिया जाएगा. इसके लिए महाराष्ट्र भर में 130 अस्पताल चिन्हित किए गए हैं। जिनकी संख्या आगे 1000 तक बढ़ाने की योजना है. ब्लैक फंगस बड़ी तेजी के साथ देश में फैल रहा है. महाराष्ट्र में इस बीमारी का दायरा काफी तेजी के साथ बढ़ रहा है. इस बीच महाराष्ट्र के उप-मुख्यमंत्री अजीत पवार ने बताया कि पुणे में ब्लैक फंगस के 300 से अधिक मामले हैं. उन्होंने बताया कि इनमें अन्य जिलों के मरीज भी काफी हैं. उन्होंने दवाओं की काफी कमी बताई.

यह भी पढ़ेंःमहाराष्ट्र, कर्नाटक, तमिलनाडु, यूपी में सबसे ज्यादा कोरोना से मौत, आंकड़े भयावह

अजीत पवार ने शनिवार को मीडिया को संबोधित करते हुए बताया था कि पुणे में ब्लैक फंगस के 300 से अधिक मामले हैं और इंजेक्शन काफी कम हैं. उन्होंने कहा कि यदि 300 रोगी हैं, तो एक दिन में लगभग 1800 इंजेक्शन की आवश्यकता होती है और वह आवश्यक संख्या में उपलब्ध नहीं है. उप-मुख्यमंत्री ने कहा कि पीएम के साथ बैठक में हमारे स्वास्थ्य मंत्री ने मांग की कि राज्यों को आवश्यक संख्या में इंजेक्शन दिए जाने चाहिए. 

यह भी पढ़ेंःकोरोना से होने वाली मौतों में से 73.88% महाराष्ट्र, कर्नाटक, तमिलनाडु से

उन्होंने बताया था कि हमने इंजेक्शन के निर्माताओं से भी बात की और उन्होंने हमें बताया कि वे केंद्र को सारी दवाएं देंगे और केंद्र द्वारा जो राज्यों को आवंटन किया जाएगा उतना ही हिस्सा राज्यों को दिया जाएगा. उन्होंने कहा कि बीमारी वाले व्यक्ति को एक दिन में 6 इंजेक्शन दिए जाने की आवश्यकता है. अजीत पवार ने कहा कि हमने महात्मा ज्योतिबा फुले जन आरोग्य योजना में इसके उपचार को शामिल करने का निर्णय लिया है.