महाराष्ट्र में किसी भी राजनीतिक पार्टी के पास सरकार बनाने के लिए बहुमत न होने की वजह से राष्ट्रपति शासन लागू हो गया है. महाराष्ट्र में सरकार बनाने को लेकर जहां गुरुवार को कांग्रेस, शिवसेना और एनसीपी ने बैठक की तो वहीं, केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने महाराष्ट्र में जारी सियासी घटनाक्रम के बीच बड़ा बयान दिया है.
यह भी पढ़ेंः महाराष्ट्र में सरकार बनाने का फॉर्मूला तैयार, अब तीनों पार्टियों के हाईकमान तय करेंगे ये
केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी गुरुवार को महाराष्ट्र पहुंचे. इस दौरान उन्होंने कहा कि क्रिकेट और राजनीति में कुछ भी संभव है. कभी आपको लगता है कि आप मैच हार रहे हैं, लेकिन रिजल्ट एकदम उल्टा हो जाता है. उन्होंने आगे कहा कि मैं अभी दिल्ली से आया हूं, मुझे महाराष्ट्र की राजनीति की अभी पूरी जानकारी नहीं है.
केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी से जब पूछा गया कि अगर महाराष्ट्र में गैर-बीजेपी सरकार बनती तो मुंबई में जारी परियोजनाओं का क्या होगा. इसके जवाब में उन्होंने कहा कि सरकार बदलती है, लेकिन परियोजनाएं जारी रहती हैं. मुझे इससे कोई समस्या नहीं है. सरकार किसी की भी बने हम सकारात्मक नीतियों का समर्थन करेंगे. बता दें कि हाल ही में हुए विधानसभा चुनाव में बहुमत मिलने के बाद भी सीएम पद की दावेदारी को लेकर भाजपा-शिवसेना का गठबंधन टूट गया.
यह भी पढ़ेंः झारखंड विधानसभा चुनावों के लिए BJP ने जारी की तीसरी लिस्ट, जानें किसे मिला टिकट
वहीं, महाराष्ट्र में भारतीय जनता पार्टी (BJP) और शिवसेना (Shiv Sena) के अलग होने से विभाजित कांग्रेस और उसकी सहयोगी शरद पवार के नेतृत्व वाली राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (NCP) एक बार फिर एकजुट हो गई है. उनके लिए यह घटनाक्रम किसी वरदान से कम नहीं है. यही नहीं बीजेपी की सहयोगी रही शिवसेना ने भी कांग्रेस और शिवसेना के साथ हाथ मिला लिया है.
पहली बैठक में कांग्रेस व एनसीपी के प्रदेश अध्यक्ष ने शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे से मुलाकात की. वहीं, दूसरी बैठक में एनसीपी और कांग्रेस के नेता शामिल हुए. इस मीटिंग में एनसीपी से छगन भुजबल, नवाब मलिक और कांग्रेस की तरफ से पृथ्वीराज चौहान, विजय वडेत्तीवार, माणिक राव ठाकरे शामिल हुए. इसके बाद तीसरी बैठक में तीनों पार्टियों (एनसीपी, कांग्रेस और शिवसेना) के नेताओं ने बातचीत की.