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CMP पर तैयार कांग्रेस, NCP और शिवसेना, अब महाराष्ट्र में बन सकती है सरकार

महाराष्ट्र में सरकार बनाने को लेकर गुरुवार को कांग्रेस, शिवसेना और एनसीपी के बीच लगातार बैठक जारी है.

Updated on: 14 Nov 2019, 07:45 PM

नई दिल्ली:

महाराष्ट्र में सरकार बनाने को लेकर गुरुवार को कांग्रेस, शिवसेना और एनसीपी के बीच लगातार बैठक जारी है. मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, तीनों पार्टियों के बीच न्यूनतम साझा कार्यक्रम (CMP) पर सहमति बन गई है. किसान कर्जमाफी, रोजगार, फसल बीमा योजना की समीक्षा, छत्रपति शिवाजी महाराज और बीआर अंबेडकर स्मारक जैसे मुद्दों पर तीनों ही पार्टियों में सहमति बनी है. अब ये ड्राफ्ट सभी पार्टियों के अध्यक्ष को भेजे जाएंगे.

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बता दें कि महाराष्ट्र में किसी भी राजनीतिक पार्टी के पास सरकार बनाने के लिए बहुमत न होने की वजह से राष्ट्रपति शासन लागू हो गया है. बीजेपी ने जहां सरकार बनाने के लिए मना कर दिया है तो वहीं कांग्रेस और एनसीपी के बीच लगातार मंथन चल रही है. कॉमन मिनिमन प्रोग्राम को लेकर पहली बार गुरुवार को मुंबई में कांग्रेस, शिवसेना और एनसीपी के बीच साझा बैठक हुई.

इस बीच कांग्रेस नेता हुसैन दलवाई ने महाराष्ट्र में सरकार बनाने में हो रही देरी पर कहा कि तीनों पार्टियों की रोज मीटिंग चल रही है. मामला जल्द हल हो जाएगा. बीजेपी को सत्ता में आने रोकना है. कॉमन मिनिमम प्रोग्राम पर चर्चा हो रही है. वहीं, वीर सावरकर को शिवसेना द्वारा भारत रत्न दिलाने के नाम पर हुसैन दलवई भाग खड़े हुए हैं.

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कांग्रेस और एनसीपी के बाद आज शिवसेना के साथ दोनों दलों की साझा बैठक हुई है. महाराष्ट्र में सीएम पद को लेकर बीजेपी और शिवसेना के बीच गठबंधन टूट गया. इसके लिए शिवसेना कांग्रेस और एनसीपी के साथ मिलकर सरकार बना सकती है. हालांकि, अभी तक यह साफ नहीं हो सका है कि तीनों पार्टियों में किस पार्टी का सीएम बनेगा, लेकिन बीजेपी ने साफ कर दिया है कि उनके पास बहुमत की संख्या न होने की वजह से बीजेपी सरकार नहीं बनाएगी.

बता दें कि बुधवार को मुंबई के एक होटल में कांग्रेस और एनसीपी के बीच गुप्त बैठक हुई थी. इस मीटिंग में एनसीपी के जयंत पाटील, अजीत पवार, छगन भुजबल, धनंजय मुंडे और नवाब मलिक मौजूद थे. वहीं, कांग्रेस की ओर से बैठक में पूर्व मुख्यमंत्रियों अशोक चव्हाण, पृथ्वीराज चव्हाण, राज्य इकाई के प्रमुख बालासाहेब थोरात, माणिकराव ठाकरे व विजय वडेट्टीवार शामिल हुए थे.

उल्लेखनीय है कि भाजपा-शिवसेना ने गठबंधन के तहत 21 अक्टूबर का विधानसभा चुनाव लड़ा था. लेकिन, शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे द्वारा ढाई-ढाई साल के लिए मुख्यमंत्री पद की मांग करने के बाद गठबंधन टूट गया. भाजपा ने शिवसेना के रोटेशनल मुख्यमंत्री पद की मांग को ठुकरा दिया.