महाराष्ट्र सरकार ने अनुसूचित जाति, विमुक्त जाति और जनजाति तथा दूसरी पिछड़ी जातियों के लोगों के बच्चों और करीबी रिश्तेदारों को जाति प्रमाणपत्र पाने की प्रक्रिया आसान कर दी है।
राज्य सरकार के फैसले के अनुसार इस श्रेणी के परिवार के बच्चों और करीबी रिश्तेदारों को अपनी जाति साबित करने के लिये सबूत देने की ज़रूरत नहीं होगी।
बच्चों को अपनी जाति प्रमाण पत्र पाने के लिये अपने पिता का सर्टिफिकेट देना होगा। इसके अलावा करीबी रिश्तेदारों (ब्लड रिलेशंस) को अपने रिश्तेदार का कास्ट वैलिडिटी सर्टिफिकेट देना होगा।
सामाजिक न्याय मंत्री राजकुमार बडोले ने कैबिनेट की बैठक के बाद कहा, 'सरकार जल्द ही डिजिटल लॉकर की प्रणाली को लागू करेगी। जिससे प्रमाण पत्र पाने की प्रक्रिया आसान हो सकेगी।'
उन्होंने कहा कि डिजिटाइजेशन के लिये जाति प्रमाण पत्र की स्कैनिंग जल्द ही शुरू करेगी।
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कैबिनेट ने कास्ट वेलिडिटू नियम, 2012 में संशोधन लाएगी ताकि डिजिटल लॉकर की प्रक्रिया को शुरू की जा सके।
बडोले ने कहा, 'इससे पहले पिता के पास जाति प्रमाण पत्र होने के बाद भी बच्चों को सभी कागजात दोबारा जमा करने होते थे... लेकिन अब पिता का प्रमाण पत्र देने से उसका सर्टिफिकेट डॉ बाबा साहब अंबेडकर रिसर्च एंड ट्रेनिंग इंस्टूट्यूट की साइट पर डाल दिया जाएगा और आपत्ति न होने पर एक महीने के बाद उसे सर्टिफिकेट मिल जाएगा।'
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Source : News Nation Bureau