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महाराष्ट्र: शिवसेना-NCP-कांग्रेस के बीच Deal Done,अब अकेले BJP पर होगी विपक्ष की पूरी जिम्मेदारी

इस बीच आज यानी शुक्रवार को शिवसेना के विधायक दलों की बैठक हुई. विधायकों को संबोधित करते हुए उद्धव ठाकरे ने कहा बीजेपी ने हमे धोखा दिया,हमे NDA से बाहर निकाला. मुख्यमंत्री देवेन्द्र फडणवीस ने दीपावली के समय 50-50 फॉर्मूले पर झूठ बोला है.

Updated on: 22 Nov 2019, 02:59 PM

नई दिल्ली:

महाराष्ट्र में सत्ता की चाबी किसके हाथ होगी, इसकी तस्वीर अब साफ होने लगी है. सूत्रों की मानें को कांग्रेस, एनसीपी और शिवसेना के बीच सत्ता का फॉर्मूला तय हो चुका है. बताया जा रहा है कि विधायकों की संख्या के अनुसार मंत्रालयों का बंटवारा किया गया है. इसका मतलब ये कि शिवसेना को मुख्यमंत्री और 15 मंत्री पद दिए गए हैं. वहीं एनसीपी को 15 और कांग्रेस को 12 मंत्री पद दिए गए हैं. इसी के साथ अब ये भी तय हो गया है कि महाराष्ट्र में बीजेपी एकमात्र ऐसी पार्टी होगी जो विपक्ष की कमान संभालेगी.

दरअसल महाराष्ट्र की राजनीति में चार पार्टियां है, बीजेपी, शिवसेना, एनसीपी और कांग्रेस. अब तक बीजेपी-शिवसेना का गठबंधन सत्ता में था जबकि कांग्रेस और एनसीपी विपक्ष में बैठे थे. लेकिन अब जब शिवसेना एनडीए का दामन छोड़ कांग्रेस-एनसीपी के पाले में शामिल हो गई है तो बीजेपी ही अकेली ऐसी पार्टी बची है जिसपर विपक्ष का पूरा दारोमदार होगा.

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इस बीच आज यानी शुक्रवार को शिवसेना के विधायक दलों की बैठक हुई. विधायकों को संबोधित करते हुए उद्धव ठाकरे ने कहा बीजेपी ने हमे धोखा दिया,हमे NDA से बाहर निकाला. मुख्यमंत्री देवेन्द्र फडणवीस ने दीपावली के समय 50-50 फॉर्मूले पर झूठ बोला है.

उन्होंने कहा, दूसरे राज्य में यानी कश्मीर में pdp और कुछ राज्यो में विपरीत विचारधारा के साथ सरकार बना सकते हैं, मुख्यमंत्री पद के लिये समझौता कर सकते है,लेकिन हमारे साथ ऐसा नही करते. गठबंधन टूटा तो इसे रोकने के लिये अमित शाह और प्रधानमंत्री ने पहल नहीं की. हमे NDA तक से बाहर निकाला, इसीलिए शिवसेना को ये निर्णय लेने पर मजबूर होना पड़ा. इसी के साथ उन्होंने ये भी कहा कि महाराष्ट्र का मुख्यमत्री शिवसेना से ही होगा.

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बता दें, महाराष्ट्र में अब शिवसेना-एनसीपी-कांग्रेस का गठबंधन लगभग फाइनल हो चुका है. कुछ ही समय में महाराष्ट्र में सरकार गठन को लेकर तीनों पार्टियों के बीच से पर्दा हट जाएगा. अब एक बात लगभग साफ हो चुकी है कि बीजेपी और शिवसेना की राह अलग हो चुकी है. शिवसेना के सांसद संजय राउत ने शुक्रवार को कहा कि शिवसेना को भगवान इंद्र के सिंहासन का प्रस्ताव मिले तब भी वह भाजपा के साथ नहीं आएगी. राउत ने कहा कि कांग्रेस और एनसीपी के साथ वाला त्रिदलीय गठबंधन जब सत्ता में आएगा तब महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री का पद उनकी पार्टी को ही मिलेगा.

बीजेपी के साथ अब जाने का कोई सवाल नहीं

अटकलें थी कि भाजपा मुख्यमंत्री पद शिवसेना के साथ साझा करने को तैयार है. इस बारे में सवाल पर राउत ने कहा, ‘‘प्रस्तावों के लिए वक्त अब खत्म हो चुका है. महाराष्ट्र की जनता शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे को मुख्यमंत्री बनते देखना चाहती है.’’ यह पूछे जाने पर क्या तीनों गैर भाजपा दल शुक्रवार को राज्यपाल से मुलाकात करेंगे, इस पर राउत ने कहा, ‘‘जब राष्ट्रपति शासन लगा हुआ है तो ऐसे में राज्यपाल से मुलाकात क्यों करेंगे.’’