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Maharashra Crisis: फिर से शिवसेना वर्सेज शिवसेना, अब विधायकी पर संकट!

महाराष्ट्र विधानसभा में एकनाथ शिंदे की अगुवाई वाली शिवसेना-बीजेपी की सरकार ने अपना बहुमत साबित कर दिया है. एकनाथ शिंदे आधिकारिक तौर पर शिवसेना के विधायक दल के नेता बन चुके हैं. लेकिन...

Updated on: 05 Jul 2022, 07:05 AM

highlights

  • महाराष्ट्र में शिवसेना वर्सेज शिवसेना
  • 14 विधायकों की जा सकती है विधायकी
  • शिंदे गुट ने फ्लोर टेस्ट आसानी से कर लिया था पास

मुंबई:

महाराष्ट्र विधानसभा में एकनाथ शिंदे की अगुवाई वाली शिवसेना-बीजेपी की सरकार ने अपना बहुमत साबित कर दिया है. एकनाथ शिंदे आधिकारिक तौर पर शिवसेना के विधायक दल के नेता बन चुके हैं. लेकिन ताजा मोड़ ये है कि शिवसेना के उन विधायकों के खिलाफ एकनाथ शिंदे ने कार्रवाई का मन बना लिया है, जिन्होंने शिवसेना विधायक दल के नेता के व्हिप के बावजूद फ्लोर टेस्ट में हिस्सा लिया, लेकिन वोटिंग शिंदे के सरकार के खिलाफ की.  अब इन विधायकों की विधायकी खत्म करने की सिफारिश एकनाथ शिंदे के गुट ने कर दी है. इन लिस्ट में 14 विधायक हैं. बता दें कि फ्लोर टेस्ट में शिंदे सरकार को 164 वोट मिले. जबकि विपक्ष को 99 वोट ही मिले.

बालासाहेब की वजह से आदित्य ठाकरे का नहीं!

इस लिस्ट में शिवसेना विधायक और पूर्व कैबिनेट मंत्री आदित्य ठाकरे का नाम नहीं है. ऐसा इसलिए, ताकि बाला साहेब ठाकरे का सम्मान किया जा सके. शिवसेना के चीफ व्हिप गोगावले ने बताया कि हमने हमारे व्हिप की अवहेलना करने वाले सभी विधायकों को अयोग्य घोषित करने के लिए नोटिस दिया है. हालांकि, बालासाहेब ठाकरे के प्रति अपना सम्मान दिखाते हुए आदित्य ठाकरे का नाम नहीं दिया है.

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क्या हैं नियम?

नियमों के मुताबिक, पार्टी की तरफ से जब व्हिप जारी होता है, तो सभी विधायकों को न सिर्फ सदन में पेश रहना होता है, बल्कि चीफ व्हिप की तरफ से जारी निर्देशों का पालन भी करना होता है. लेकिन इन विधायकों ने विधान सभा अध्यक्ष पद के साथ ही फ्लोर टेस्ट में भी एकनाथ शिंदे का साथ नहीं दिया. वहीं, उद्धव ठाकरे गुट की अर्जी पहले से सुप्रीम कोर्ट में है, जिसमें शिंदे कैंप के 16 विधायकों की सदस्यता खत्म करने की मांग की गई है.