Maharashtra Crisis: अब सरकार बनाने के लिए NCP-कांग्रेस ने शिवसेना के सामने रखी ये शर्तें

महाराष्ट्र की सत्ता में कुर्सी के लिए चल रहा ड्रामा फिलहाल थमने का नाम नहीं ले रहा है. राज्य में बीजेपी के सरकार बनाने से मना करने के बाद राज्यपाल ने पहले शिवसेना और अब एनसीपी (NCP) को सरकार बनाने का न्योता दिया था.

महाराष्ट्र की सत्ता में कुर्सी के लिए चल रहा ड्रामा फिलहाल थमने का नाम नहीं ले रहा है. राज्य में बीजेपी के सरकार बनाने से मना करने के बाद राज्यपाल ने पहले शिवसेना और अब एनसीपी (NCP) को सरकार बनाने का न्योता दिया था.

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Vineeta Mandal
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Maharashtra Crisis: अब सरकार बनाने के लिए NCP-कांग्रेस ने शिवसेना के सामने रखी ये शर्तें

Maharashtra crisis( Photo Credit : (फाइल फोटो))

महाराष्ट्र की सत्ता में कुर्सी के लिए चल रहा ड्रामा फिलहाल थमने का नाम नहीं ले रहा है. राज्य में बीजेपी के सरकार बनाने से मना करने के बाद राज्यपाल ने पहले शिवसेना और अब एनसीपी (NCP) को सरकार बनाने का न्योता दिया था. लेकिन मोदी कैबिनेट की सिफारिश के बाद करीब तीन हफ्ते के राजनीतिक उठापटक के बाद महाराष्ट्र में मंगलवार को राष्ट्रपति शासन लागू कर दिया गया है.

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दिन में तेजी से बदलते घटनाक्रम में महाराष्ट्र के राज्यपाल बी.एस.कोश्यारी ने केंद्रीय गृह मंत्रालय को दोपहर के करीब राष्ट्रपति शासन लागू करने के आह्वान के साथ अपनी सिफारिश भेजी थी. उन्होंने कहा कि उनकी राज्य में सरकार बनाने की कोशिश विफल हो गई है.

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इसके तुरंत बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कैबिनेट की बैठक बुलाई, जिसने राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद को राज्य में केंद्रीय शासन लागू करने की अपनी सिफारिश से अवगत करा दिया. इस बैठक का आयोजन प्रधानमंत्री के ब्राजील रवाना होने से ठीक पहले किया गया था. इसके बाद राष्ट्रपति ने सिफारिश को स्वीकार कर लिया और राज्य में केंद्रीय शासन लागू करने की अधिसूचना पर हस्ताक्षर कर दिया.

गौरतलब है कि राज्यपाल ने बीजेपी और शिवसेना के बाद एनसीपी को सरकार बनाने के लिए आमंत्रित किया गया था. एनसीपी को सरकार बनाने के लिए दावा पेश करने का समय रात 8:30 बजे तक का समय दिया गया था. जिसे लेकर कांग्रेस के वरिष्ठ नेता अहमद पटेल, मल्लिकार्जुन खड़गे और केसी वेणुगोपाल पार्टी की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी का संदेश लेकर एनसीपी प्रमुख शरद पवार से मिलने महाराष्ट्र गए थे. 

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खबरों स मिली जानकारी के मुताबिक, कांग्रेस ने सरकार गठन के लिए एनसीपी के सामने अपनी कुछ शर्त रखी है. बताया जा रहा है कि कांग्रेस का न्यूनतम साझा कार्यक्रम पर जोर है. लेकिन वहीं एनसीपी का मानना है कि कांग्रेस सरकार का हिस्सा हो, जिससे राज्य को मजबूत और स्थायी सरकार दिया जा सके.

वहीं सूत्रों की मानें तो एनसीपी चाहती है कि शिवसेना ढाई साल सत्ता चलाए और बाकी के ढाई साल एनसीपी का हो. इसके अलावा एनसीपी कांग्रेस को पांच साल डिप्टी सीएम का पद भी देना चाहती है.

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बता दें कि महाराष्ट्र में 288 सदस्यीय विधानसभा में बीजेपी सबसे बड़ी पार्टी के रूप में उभरी और चुनावों में 105 सीटों पर जीत दर्ज की थी. महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव के परिणाम 24 अक्टूबर को घोषित हुए थे.

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