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माहाराष्ट्र: CM उद्धव ठाकरे ने धार्मिक स्थलों को लेकर दिए ये संकेत

मुख्यमंत्री ने कहा, हम प्रार्थना करने में इतने मगन हो जाते हैं कि कोविड-19 के सुरक्षा प्रोटोकॉल की उपेक्षा कर सकते हैं. क्या होगा अगर कोरोना वायरस से संक्रमित व्यक्ति उपासना स्थल जाने वाले हमारे परिवार के वरिष्ठ नागरिकों को संक्रमित कर दे.

Updated on: 08 Nov 2020, 08:11 PM

नई दिल्ली:

महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने रविवार को धार्मिक उपासना स्थलों को फिर से खोलने का संकेत देते हुए कहा कि दिवाली के बाद भीड़ से बचने और शारीरिक दूरी को सुनिश्चित करने के लिए एक मानक संचालन प्रक्रिया तैयार की जाएगी. एक वेबकास्ट में, ठाकरे ने कहा कि धार्मिक उपासना स्थलों को फिर से खोलने में जल्दबाजी न करने के लिए उनकी आलोचना की जारी रही है. उन्होंने कहा, अगर इससे नागरिकों का अच्छा स्वास्थ्य और सुरक्षा सुनिश्चित होती है, तो मैं आलोचना झेलने के लिए तैयार हूं. उपासना स्थलों पर भीड़ से बचने और शारीरिक दूरी सुनिश्चित करने के लिए काम किया जाएगा और दिवाली के बाद एक मानक संचालन प्रक्रिया का मसौदा तैयार किया जाएगा.

मुख्यमंत्री ने कहा, हम प्रार्थना करने में इतने मगन हो जाते हैं कि कोविड-19 के सुरक्षा प्रोटोकॉल की उपेक्षा कर सकते हैं. क्या होगा अगर कोरोना वायरस से संक्रमित व्यक्ति उपासना स्थल जाने वाले हमारे परिवार के वरिष्ठ नागरिकों को संक्रमित कर दे.  ठाकरे ने कहा कि उपासना स्थलों पर मास्क लगाना अनिवार्य होगा. उन्होंने लोगों से सार्वजनिक स्थानों पर पटाखे फोड़ने से बचने की भी अपील की. उन्होंने कहा,  मैं इस पर प्रतिबंध लागू नहीं करना चाहता. हमें एक-दूसरे पर विश्वास और भरोसा रखना चाहिए.

ठाकरे ने कहा कि दिल्ली में कोरोना वायरस के मामलों में वृद्धि हुई है और और कहा जा रहा है कि इसका कारण प्रदूषण है. मुख्यमंत्री ने कहा, हमें पटाखे फोड़ने पर आत्म नियंत्रण और संयम रखना चाहिए, जिससे प्रदूषण बढ़ेगा. दिवाली के चार दिनों के उत्सव के दौरान प्रदूषण फैलाकर महामारी के खिलाफ नौ महीने से चली आ रही कड़ी मेहनत को बर्बाद न करें. ठाकरे ने कहा कि राज्य धीरे-धीरे खुल रहा है. मगर हमें सतर्क रहना चाहिए और सुनिश्चित करना चाहिए कि महामारी की दूसरी लहर न आए.

मुख्यमंत्री ने कहा, बाजारों में भीड़ का दिखना संकेत करता है कि जिंदगी पटरी पर लौट रही है लेकिन आत्मसंतुष्ट नहीं हों. टीका मिलने तक हमारे पास मास्क लगाने, शारीरिक दूरी बनाने और बार-बार हाथ धोने के सिवा कोई विकल्प नहीं है. उन्होंने कहा, दिवाली के बाद एक पखवाड़ा अहम होगा. हमें दूसरे लॉकडाउन को आमंत्रित नहीं करना चाहिए. कोरोना वायरस से संक्रमित व्यक्ति अगर बिना मास्क के भीड़ में जाएगा तो वह करीब 400 लोगों को संक्रमित करेगा और वे 400 लोग कई और को संक्रमित करेंगे.