SC और चुनाव आयोग में भी अपनी भूमिका के लिए सहमति मांगने पहुंचे सीएम शिंदे
भले ही एकनाथ शिंदे के साथ विधानसभा और लोकसभा के अधिकतर सदस्य आ गए हो लेकिन शिवसेना पार्टी पर कब्जे के लिए संस्थापक सदस्यों का साथ होना जरूरी है.
मुंबई:
एक अगस्त को सुप्रीम कोर्ट में शिवसेना के मामले पर सुनवाई होगी एकनाथ शिंदे और ठाकरे ग्रुप अलग-अलग दावे कर रहे हैं. भले ही एकनाथ शिंदे के साथ विधानसभा और लोकसभा के अधिकतर सदस्य आ गए हो लेकिन शिवसेना पार्टी पर कब्जे के लिए संस्थापक सदस्यों का साथ होना जरूरी है. इसी बात को ध्यान में रखते हुए मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे शिवसेना के संस्थापक सदस्यों के पास मुलाकात करने पहुंच रहे हैं. बाला साहब ठाकरे के सहयोगी लीलाधर डाके और मनोहर जोशी के पास मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे और शिंदे ग्रुप के तमाम वरिष्ठ सहयोगी मुलाकात कर रहे हैं.
उन्हें पता है कि संस्थापक सदस्यों के बिना शिवसेना पार्टी पर कब्जा जमा पाना मुश्किल है और शिवसेना के संविधान के अनुसार पार्टी पर कब्जा रखने के लिए संस्थापक सदस्यों का होना जरूरी है. जिस समय शिवसेना बनाई गई थी और चुनाव आयोग में उसको रजिस्ट्रेशन कराया गया था उसके संविधान के अनुसार शिवसेना का जो भी उत्तराधिकारी होगा या शिवसेना को लेकर जो भी व्यक्ति अपना दावा पेश करेगा उसके पास संस्थापक सदस्यों की सहमति होना जरूरी है साथ ही संगठन के भी तमाम लोगों का सहमति होना जरूरी है.
ये भी पढ़ें: महाराष्ट्र: कैबिनेट विस्तार को लेकर सस्पेंस बरकरार, सीएम शिंदे ने किया ये ऐलान
एकनाथ शिंदे को यह बात पता है कि अगर असली शिवसेना के वारिस के तौर पर वह अपना कब्जा जमाना चाहते हैं तो उनके पास विधायक सांसद और संगठन के साथ साथ संस्थापक सदस्यों की भी सहुमति होना जरूरी होगा. यही वजह है कि पिछले एक महीने से हर दिन शिवसेना के तमाम पदाधिकारी और कार्यकर्ताओं को शिंदे ग्रुप में शामिल कराया जा रहा है.
एकनाथ शिंदे ने उन सभी शिवसेना के नेताओं उप नेताओं और पदाधिकारियों के साथ-साथ युवा सेना के भी पदाधिकारियों से संपर्क करना शुरू किया है जो लोग पिछले ढाई साल में पार्टी प्रमुख उद्धव ठाकरे और आदित्य ठाकरे और उनके सहयोगियों के बर्ताव से नाराज रहे हैं. उन्हें पता है कि अगर नाराज लोगों को साथ में लिया गया तो शिवसेना पार्टी का शिंदे ग्रुप काफी मजबूत होगा और पार्टी पर कब्जा करने में आसानी होगी. यही कारण है कि युवा सेना के पदाधिकारी हों या फिर रामदास कदम जैसे नाराज कद्दावर नेता उन सबको अपने पाले में लाने की शिंदे लगातार कोशिश कर रहे हैं. मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे रामदास कदम के जन्मदिन के अवसर पर मुंबई में कांदिवली स्थित उनके निवास स्थान पर पहुंचे और उन्हें जन्मदिन की बधाई दी. इससे स्पष्ट हो गया है कि एकनाथ शिंदे उधव ठाकरे के सामने झुकने के लिए तैयार नहीं है और उसी कड़ी में संस्थापक सदस्य लीलाधर डाके और मनोहर जोशी के साथ उनकी मुलाकात को जोड़कर देखा जा रहा है.
वीडियो
IPL 2024
मनोरंजन
धर्म-कर्म
-
Rang Panchami 2024: आज या कल कब है रंग पंचमी, पूजा का शुभ मुहूर्त और इसका महत्व जानिए
-
Good Friday 2024: क्यों मनाया जाता है गुड फ्राइडे, जानें ये 5 बड़ी बातें
-
Surya Grahan 2024: सूर्य ग्रहण 2024 किन राशि वालों के लिए होगा लकी
-
Bhavishya Puran Predictions: भविष्य पुराण के अनुसार साल 2024 की बड़ी भविष्यवाणियां