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CM Eknath Shinde( Photo Credit : File Photo )
महाराष्ट्र की राजनीति में पिछले 20 दिनों से लगातार बढ़ते घटनाक्रम पर अब अंकुश लग गया है. एकनाथ शिंदे ने मुख्यमंत्री के रूप में शपथ ले ली है और फ्लोर टेस्ट भी पास कर लिए हैं. इन 20 दिनों की घटनाक्रम में शिवसेना के कुछ नेताओं की ओर से मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे और उनके गुट के विधायकों के लिए अभद्र टिप्पणी की गई थी. एकनाथ शिंदे और उनके गुट के विधायकों के बाप के ऊपर बोलने के साथ-साथ उनके खिलाफ पुतले जलाकर प्रदर्शन भी किए गए थे. इसपर अब मुख्यमंत्री एकानथ शिंदे ने जवाब दिया है. मुख्यमंत्री ने विधानसभा में विश्वास मत हासिल करने के बाद भावुक होते हुए कहा कि शिवसेना के लोग गद्दार नहीं हैं और वह खुद भी गद्दार नहीं हैं. उन्होंने कहा जिस तरह से शिवसेना को खत्म किया जा रहा था कि शिवसेना से मुख्यमंत्री मिलते नहीं थे. एकनाथ शिंदे ने कहा कि उनके विभाग को काटा जा रहा था और स्थिति यहां तक आ गई थी कि शिवसेना के विधान परिषद के चुनाव की मी़टिंग के दैरान उन्हें हिस्सा तक नहीं लेने दिया गया. जिसके बाद उन्होंने और उन जैसे तमाम विधायकों ने निर्णय लिया कि शिवसेना को बचाना है, हमे एकनाथ शिंदे के साथ जाना है.
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नई सरकार बनाने के पीछे देवेंद्र फडणवीस का पूरा हाथ
एकनाथ शिंदे ने कहा कि उनको रोकने के लिए बैरिकेडिंंग लगाई गई नाकाबंदी बढ़ाई गई लेकिन उन्होंने संघर्ष किया. उन्होंने कहा कि उन्हें पता है कि कैसे बाहर निकाला जा सकता है. मुख्यमंत्री शिंदे ने यह भी कहा कि यह जो कुछ भी हुआ यह एक दिन की बात नहीं थी बल्कि पिछले कुछ समय से यह सब चीजें हो रही थी. सभी विधायक परेशान थे और वह मुझसे आग्रह कर रहे थे, जिसके बाद हमने यह निर्णय लिया. सीएम ने कहा कि महाराष्ट्र में नई सरकार बनाने के लिए पूरा काम देवेंद्र फडणवीस ने किया. देवेंद्र फडणवीस ने अपने मन को बड़ा करते हुए बाला साहेब ठाकरे के शिवसैनिक को मुख्यमंत्री बनाना.
इससे पहले भी एकनाथ शिंदे मुख्यमंत्री बनने वाले थे. लेकिन उनकी पार्टी के कुछ लोग उन्हें मुख्यमंत्री बनने नहीं दिया. हालांकि एकनाथ शिंदे ने कहा कि उन्होंने कभी इसका विरोध नहीं किया. उन्होंने कहा कि जब शिवसेना समाप्त होने की स्थिति में आने लगी, तो उसके बाद उन्होंने यह कदम बढ़ाया.
HIGHLIGHTS
- विधानसभा में भाषण देते भावुक हुए सीएम एकनाथ शिंदे
- बोले मैं गद्दार नहीं हूं