Maharashtra News: केंद्र सरकार ने बुधवार (19 मार्च) को महाराष्ट्र में जेएनपीए (जवाहरलाल नेहरू बंदरगाह प्राधिकरण) बंदरगाह (पगोटे) को चौक से जोड़ने के लिए 6-लेन वाले प्रवेश-नियंत्रित ग्रीनफील्ड हाई-स्पीड राष्ट्रीय राजमार्ग के निर्माण को मंजूरी दी. 29.219 किमी लंबे इस राजमार्ग के निर्माण में कुल 4,500 करोड़ रुपये का खर्च आएगा.
केंद्रीय सूचना एवं प्रसारण मंत्री अश्विनी वैष्णव ने बताया कि, "प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में आर्थिक मामलों की कैबिनेट समिति ने महाराष्ट्र में जेएनपीए पोर्ट (पगोटे) से चौक (29.219 किमी) तक 6-लेन एक्सेस कंट्रोल्ड ग्रीनफील्ड हाई-स्पीड नेशनल हाईवे के निर्माण को मंजूरी दे दी है."
इन इलाकों को होगा इस हाइवे से फायदा
बता दें कि इस परियोजना को बिल्ड, ऑपरेट और ट्रांसफर (बीओटी) मोड पर विकसित किया जाएगा. वर्तमान में पलासपे फाटा, डी-पॉइंट, कलंबोली जंक्शन और पनवेल जैसे शहरी क्षेत्रों में भारी भीड़भाड़ के चलते वाहनों को जेएनपीए पोर्ट से एनएच-48 और मुंबई-पुणे एक्सप्रेसवे के धमनी स्वर्णिम चतुर्भुज (जीक्यू) खंड तक जाने में 2-3 घंटे का समय लगता है. इस परियोजना का संरेखण जेएनपीए बंदरगाह (एनएच 348) (पगोटे गांव) से शुरू होकर मुंबई-पुणे राजमार्ग (एनएच-48) पर समाप्त होगा, जबकि यह मुंबई-पुणे एक्सप्रेसवे और मुंबई-गोवा राष्ट्रीय राजमार्ग (एनएच-66) को भी आपस में जोड़ेगा.
ऐसा माना जा रहा है कि इस साल नवी मुंबई एयरपोर्ट के शुरू होने के बाद प्रत्यक्ष रूप से इसे जोड़ने की जरूरत पड़ेगी. बयान में कहा गया है कि, "जेएनपीए बंदरगाह पर कंटेनर की बढ़ती मात्रा और नवी मुंबई अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे के विकास के साथ, इस क्षेत्र में राष्ट्रीय राजमार्ग संपर्क बढ़ाने की जरूरत पड़ेगी."
बता दें कि नया 6-लेन ग्रीन फील्ड प्रोजेक्ट कॉरिडोर बेहतर बंदरगाह संपर्क को बढ़ावा देगा, जिससे सुरक्षित और कुशल माल ढुलाई में मदद मिलेगी. यह परियोजना मुंबई और पुणे के आसपास के विकासशील क्षेत्रों में विकास, प्रगति और समृद्धि के नए रास्ते खोलेगी.
असम में बनेगा यूरिया संयंत्र
इसके साथ ही केंद्रीय कैबिनेट ने प्रमुख फसल पोषक तत्व के आयात को कम करने और भारत को आत्मनिर्भर बनाने के अपने प्रयास के तहत असम में 10,601.4 करोड़ रुपये की अनुमानित लागत से यूरिया संयंत्र की स्थापना को भी मंजूरी दी है. असम में मौजूद ब्रह्मपुत्र वैली फर्टिलाइजर कॉरपोरेशन लिमिटेड (बीवीएफसीएल परिसर में 12.7 लाख टन यूरिया उत्पादन की वार्षिक क्षमता वाला नया ब्राउनफील्ड अमोनिया-यूरिया कॉम्प्लेक्स बनाने की योजना बनाई गई है. यह संयंत्र के निर्माण पर 10,601.40 करोड़ रुपये की अनुमानित लागत आएगी. जिसे चालू होने में करीब चार साल का समय लगेगा.