Maharashtra budget : महाराष्ट्र सरकार ने बस, टैक्सी और ऑटो रिक्शा चालकों को दिया बड़ा राहत, जानें क्या
Maharashtra budget : महाराष्ट्र सरकार ने CNG से चलने वाले बस, टैक्सी और ऑटो रिक्शा चालकों को बड़ा राहत दिया. सरकार ने 13.5% टैक्स को घटाकर 3% किया. सरकार द्वारा टैक्स घटाए जाने से सरकारी तिजोरी पर 800-1000 करोड़ रुपये का बोझ आएगा.
नई दिल्ली:
Maharashtra budget : महाराष्ट्र सरकार ने CNG से चलने वाले बस, टैक्सी और ऑटो रिक्शा चालकों को बड़ा राहत दिया. सरकार ने 13.5% टैक्स को घटाकर 3% किया. सरकार द्वारा टैक्स घटाए जाने से सरकारी तिजोरी पर 800-1000 करोड़ रुपये का बोझ आएगा. कोरोना की सबसे अधिक प्रभावित राज्यों में से एक महाराष्ट्र ने इस साल के बजट में गरीब किसानों और महिलाओं पर विशेष ध्यान दिया है. साथ में उद्योग जगत को सहूलियत देने के ऐलान के साथ 3 लाख 30 हजार नौकरी देने का दावा भी किया गया है. महाराष्ट्र का बजट शुक्रवार को वित्त मंत्री अजित पवार ने पेश किया. उद्धव सरकार का यह तीसरा बजट है.
नियमित कर्ज चुकाने वाले किसानों को मिलने वाले 50 हजार अनुदान को बढ़ाकर 75 हजार कर दिया गया है. कोंकण और परभणी कृषि विश्वविद्यालय को 50-50 करोड़ की निधि और हवेली में संभाजी राजे महाराज का स्मारक बनाने के लिए 250 करोड़ रुपये की निधि का प्रावधान किया गया है. हिंगोली में बालासाहेब ठाकरे के नाम से कृषि अनुसंधान केंद्र स्थापित किया जाएगा.
स्वाथ्य सेवा पर 11 हजार करोड़ की निधि खर्च की जाएगी. सभी जिलों में महिला अस्पताल बनाए जाएंगे. 8 करोड़ खर्च कर 8 कैंसर मोबाइल वैन तैयार किए जाएंगे. अल्पसंख्यक विभाग के लिए 676 करोड़ की व्यवस्था की गई है. अल्पसंख्यकों को पुलिस भर्ती योजना है. किन्नरों को स्वतंत्र पहचान पत्र और राशन कार्ड दिए जाएंगे. गरीबों के लिए 5 लाख घर बनाने का लक्ष्य है.
स्कूली शिक्षा विभाग के लिए 2354 करोड़ की व्यवस्था है. आंगनबाड़ी सेविका के मानदेय में 1100 से 2500 तक की बढ़ोतरी की जाएगी. उद्योगों को विशेष छूट दी जाएगी. मुंबई से हैदराबाद बुलेट ट्रेन बनाने का प्रस्ताव है. आदिवासी विभाग के लिए 11999 करोड़ की निधि का प्रावधान है. गढ़चिरौली में नया एयरपोर्ट बनाने का प्रस्ताव है. राज्य में जलमार्ग के लिए 330 करोड़ की निधि का प्रस्ताव है.
महाराष्ट्र की आर्थिक स्थिति :-
24 हजार करोड़ रुपये के घाटे का बजट पेश
राजस्व प्राप्ति - 4,03,427 करोड़ रुपये
राजस्व खर्च - 4,27,780 करोड़ रुपये
राजस्व घाटा - 24,353 करोड़ रुपये
वार्षिक योजना - 1,50,000 करोड़ रुपये. इसमें अनुसूचित जाति के लिए 12,230 करोड़ रुपये और आदिवासी विकास योजना के लिए 11,199 करोड़ रुपये.
जिला वार्षिक योजना - 13,350 करोड़ रुपये.
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