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सचिन वाजे को लेकर बड़ा खुलासा, फर्जी आधार कार्ड दिखाकर 5-Star होटल में किया था स्टे

मंगलवार को गुजरात के दमन पहुंची महाराष्ट्र एटीएस को एक वॉल्वो कार मिली है. बताया जा रहा है कि महाराष्ट्र पुलिस के सस्पेंडेड अधिकारी सचिन वाजे दमन में मिली इस कार का इस्तेमाल कर रहे थे.

Updated on: 23 Mar 2021, 11:24 AM

highlights

  • महाराष्ट्र एटीएस को दमन से मिली वॉल्वो कार
  • सचिन वाजे ने किया था कार का इस्तेमाल
  • फर्जी आधार कार्ड पर 5-स्टार होटल में ठहरा था वाजे

नई दिल्ली:

मनसुख हिरेन हत्याकांड मामले में महाराष्ट्र एटीएस के हाथों एक बड़ा सबूत लगा है. मामले की जांच में मंगलवार को गुजरात के दमन पहुंची महाराष्ट्र एटीएस को एक वॉल्वो कार मिली है. बताया जा रहा है कि महाराष्ट्र पुलिस के सस्पेंडेड अधिकारी सचिन वाजे दमन में मिली इस कार का इस्तेमाल कर रहे थे. इतना ही नहीं, जांच में मालूम चला कि सचिन वाजे एक फर्जी आधार कार्ड दिखाकर फाइव-स्टार होटल में ठहरा था. रिपोर्ट्स की मानें तो सचिन वाजे बीते 16 फरवरी को फर्जी आधार कार्ड दिखाकर होटल में ठहरा हुआ था. इस मामले में एएनआई ने होटल की सीसीटीवी फुटेज ले लिए हैं और फर्जी आधार कार्ड भी जब्त कर लिया है.

एएनआई बीते कई दिनों से वाजे से पूछताछ कर रही है. अब एएनआई ये भी पता लगाने की कोशिश में जुटी हुई है कि आखिर सचिन वाजे ने होटल में ठहरने के लिए फर्जी आधार कार्ड का इस्तेमाल क्यों किया था. सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक एएनआई को भी इस वॉल्वो कार की तलाश थी जो महाराष्ट्र एटीएस ने दमन से बरामद की है.

महाराष्ट्र एटीएस ने दमन से बरामद की गई वॉल्वो कार को जब्त कर आगे की कार्यवाही शुरू कर दी है. बताते चलें कि मनसुख हिरेन हत्याकांड की जांच में जुटी महाराष्ट्र एटीएस गुजरात गई थी. इस मामले में पकड़े गए दो में से एक आरोपी ने अहमदाबाद से सिम कार्ड खरीदने की बात स्वीकार की थी. जिसके बाद उन्हीं सिम कार्ड से जुड़ी जांच के लिए एटीएस की एक टीम गुजरात गई थी. एटीएस ने यहां से कई सिम कार्ड बरामद किए हैं और लोगों से पूछताछ भी की है.

बताते चलें कि मुकेश अंबानी के घर के बाहर जो स्कॉर्पियो मिली थी, उसके मालिक मनसुख हिरेन की कुछ दिनों बाद मौत हो गई थी. जांच में मालूम चला कि मनसुख की हत्या की गई है. तभी से इस केस में रोजाना कोई न कोई नए खुलासे हो रहे हैं. इन दोनों मामलों में सचिन वाजे आरोपी है और वह 25 मार्च तक एनआईए की कस्टडी में है.