/newsnation/media/post_attachments/images/2019/06/15/devendrafadnavispti-29-5-86.jpg)
महाराष्ट्र में विधानसभा चुनाव से पहले मंत्रिमंडल का विस्तार होने वाला है. इसके लिए रविवार को सुबह 11 बजे राज भवन में शपथग्रहण समारोह होगा जिसमें मंत्रिमंडल में शामिल हुए नए मंत्री शपथ लेंगे. शपथग्रहण समारोह के लिए राज भवन में खास तैयारियां की जा रही हैं. जानकारी के मुताबिक मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस की कैबिनेट में राधाकृष्ण विखे पाटिल और आपीआई रामदास आठवले के पार्टी से अविनाश महातेकर को मंत्री बनाया जा सकता है. जानकारी के मुताबिक शिवसेना कोटे के भी 2 मंत्रियों को शपथ दिलाई जाएगी.
Maharashtra CM Devendra Fadnavis in Delhi: Cabinet expansion in Maharashtra will take place tomorrow. pic.twitter.com/neuERxCYGE
— ANI (@ANI) June 15, 2019
इससे पहले बताया ये भी जा रहा था कि महाराष्ट्र सरकार अपने कार्यालय के अंतिम पड़ाव में शिवसेना को उपमुख्यमंत्री पद की पेशकश कर सकती है. दरअसल महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव में अब बस कुछ ही समय रह गया है ऐसे में गठबंधन की रहा आसान करने के लिए माना जा रहा था कि बीजेपी शिवसेना को उपमुख्यमंत्री पद की पेशकश हो सकती है. बता दें महाराष्ट्र सरकार में ज्यादा से ज्यादा से 42 मंत्री हो सकते हैं लेकिन अभी केवल 38 मंत्री ही मौजूह हैं और मंत्रिमंडल का विस्तार भी लंबे समय से नहीं हुआ है, ऐसे में अब इसके विस्तार के लिए 15 जून को मंत्रियों को शपथ दिलाई जाएगी.
यह बी पढ़ें: राम मंदिर को लेकर शिवसेना ने कहा, 'देश को एक मजबूत गृहमंत्री मिला है, वह मंदिर बनवा सकते हैं'
बता दें इससे पहले कयास लगाए जा रहे थे कि शिवसेना के सुभाष देसाई को उपमुख्यमंत्री पद की कुर्सी मिल सकती है. वहीं मंत्रियों की बात करें तो महाराष्ट्र में पूर्व विपक्ष नेता राधाकृष्णन विखे पाटिल अगर बीजेपी में शामिल होते हैं तो उन्हें भी मंत्रिमंडल में जगह मिल सकती है. इसके अलावा एनसीपी छोड़ कर शिवसेना में शामिल हुए जयदत्त क्षीरसागर को भी मंत्री पद की जिम्मेदारी दी जा सकती है.
यह बी पढ़ें: पीएम नरेंद्र मोदी ने इसलिए ग्राम प्रधानों को लिखा पत्र, जानें क्या है मामला
वहीं बात अगर मुख्यमंत्री पद की करें तो राज्य में शिवसेना और बीजेपी के बीच टकराव जारी है. मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक शिवसेना का कहना है कि दोनों पार्टियों के बीच तय किया जा चुका है कि मुख्यमंत्री पद की जिम्मेदारी दोनों पार्टियों के बीच ढाई-ढाई साल की रहेगी. शिवसेना के सूत्रों के मुताबिक अमित शाह ने कहा था कि दोनों दलों में बराबर ज़िम्मेदारियां बांटी जाएंगी. ऐसे में मुख्यमंत्री पद भी दोनों के लिए बराबर होगा जिसके लिए दोनों पार्टियों के सीएम भी ढाई-ढाई साल के फार्मूले पर रहेंगे वहीं बीजेपी का कहना है कि इस बारे में पार्टी की तरफ से ऐसा कोई वादा नहीं किया गया है. ऐसे में माना जा रहा है कि विधानसभा चुनाव से पहले शिवसेना को उपमुख्यमंत्री पद की पेशकश कर बीजेपी इस टकराव को खत्म करने की कोशिश में है.