फर्जी प्रमाण पत्र के आधार पर नौकरी पाने वालों पर रोक लगाने के लिए सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर अमल करना महाराष्ट्र सरकार के लिए एक चुनौती बन गया है। महाराष्ट्र में करीब 11,700 कर्मचारी ऐसे हैं, जिन्होंने फर्जी जाति प्रमाण पत्रों के आधार पर सरकारी नौकरी पाई है।
फर्जीवाड़े की इतनी बड़ी संख्या ही सूबे के सरकार के लिए मुसिबत बनी हुई है। इतने बड़े पैमाने में कर्मचारियों को एक झटके में नौकरी से निकालने को लेकर सरकार पशोपेश की स्थिति में हैं।
सरकार के सामने सबसे बड़ी चुनौती है कि अगर वह इन कर्मचारियों को निकाल देती है तो कई राजनीतिक दल और यूनियन सरकार के खिलाफ मोर्चा खोल सकते हैं।
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आपको बता दे कि जुलाई, 2017 में सुप्रीम कोर्ट ने फर्जी जाति प्रमाणपत्रों के आधार पर नौकरी और शैक्षणिक संस्थान में दाखिल पाने वाले लोगों की जॉब या डिग्री वापस लेकर उनके खिलाफ कड़ी कार्रवाई करने का आदेश दिया था।
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Source : News Nation Bureau