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महाराष्ट्र में हाई वोल्टेज ड्रामा: शरद पवार के बाद शिवसेना भी करेगी प्रधानमंत्री मोदी से मुलाकात

महाराष्ट्र में हाई वोल्टेड ड्रामा: शरद पवार के बाद शिवसेना भी करेगी प्रधानमंत्री मोदी से मुलाकात

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Aditi Sharma
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महाराष्ट्र में हाई वोल्टेज ड्रामा: शरद पवार के बाद शिवसेना भी करेगी प्रधानमंत्री मोदी से मुलाकात

उद्धव ठाकरे और प्रधानमंत्री मोदी( Photo Credit : फाइल फोटो)

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महाराष्ट्र में सत्ता की चाबी को लेकर हाई वोल्टेज ड्रामा जारी है. विधानसभा चुनावों को एक महीना हो गया लेकिन सियासी बागडोर किसके हाथों सौंपी जाएगी इसका फैसला अभी तक नहीं हो पाया है. हालांकि बैठकों का दौर लगातार जारी है. इस बीच बताया जा रहा है कि शिवसेना आज पीएम मोदी से मुलाकात करेगी. बताया जा रहा है कि शिवसेना किसानों के मुद्दे को लेकर पीएम मोदी से मिलेगी. वहीं दूसरी तरफ एनसीपी सुप्रीमो शरद पवार भी थोड़ी देर में पीएम मोदी से मुलाकात करने वाले है. वैसे उनकी भी ये मुलाकात किसानों के मुद्दे को लेकर ही बताई जा रही है लेकिन जानकार इसे महाराष्ट्र में जारी सियासी माहौल के लिहाज से काफी अहम मान रहे हैं. 

इससे पहले महाराष्ट्र में सरकार बनाने को लेकर शिवसेना नेता संजय राउत का बयान सामने आया था. उन्होंने दावा किया कि अगले 5-6 दिनों में महाराष्ट्र में सरकार बनने की प्रकिया पूरी हो जाएगी. उन्होंने कहा है कि महाराष्ट्र में दिसंबर से पहले एक मजबूत और लोकप्रिय सरकार बन जाएगी. इसकी प्रकिया अभी से चल रही है.

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बता दें, महाराष्‍ट्र में 21 अक्‍टूबर को हुए विधानसभा चुनाव में कुल 288 सीटों में बीजेपी को 105, शिवसेना को 56 सीटें हासिल हुई थी. चुनाव पूर्व गठबंधन होने से दोनों दलों को मिलाकर पूर्ण बहुमत मिल गया था, लेकिन शिवसेना की ढाई-ढाई साल के लिए मुख्‍यमंत्री की मांग से बात बिगड़ गई और शिवसेना एनडीए से अलग हो चुकी है. दूसरी ओर, कांग्रेस और एनसीपी ने क्रमश: 44 और 54 सीटें जीती थीं. 19 दिन तक सरकार नहीं बनी तो राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी ने पिछले हफ्ते मंगलवार को राष्ट्रपति शासन की सिफारिश कर दी थी, जो उसी दिन लागू भी हो गया था.

राष्‍ट्रपति शासन लागू होने से पहले और बाद में शिवसेना ने एनसीपी और कांग्रेस से समर्थन के लिए संपर्क साधा था. बीजेपी और शिवसेना के अलग हो जाने के बाद शरद पवार किंगमेकर की भूमिका में आ गए हैं. अगर वे बीजेपी के साथ गए तो बहुमत का आंकड़ा पूरा हो जाएगा, लेकिन अगर वे शिवसेना के साथ गए कांग्रेस का साथ लेना भी जरूरी हो जाएगा. इसमें कांग्रेस के साथ के अलावा उसकी मांगों को पूरा करने की चुनौती भी शिवसेना-एनसीपी के कंधों पर होगी.

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इसके अलावा बीजेपी के साथ एनसीपी जाती है तो केंद्र में मंत्री पद मिलना पक्‍का होगा, वहीं राज्‍य में भी अपना प्रभाव और मजबूत करने में एनसीपी को मदद मिलेगी. जाहिर सी बात है कि राजनीति के मजे हुए खिलाड़ी शरद पवार कोई भी फैसला लेने से पहले नफा-नुकसान, मुनाफा-घाटा को भी ध्‍यान में रखेंगे. अब एनसीपी बीजेपी के साथ जाएगी या शिवसेना के साथ, यह केवल शरद पवार ही जानते हैं. केवल शरद पवार तय करेंगे कि आने वाले दिनों में महाराष्‍ट्र की राजनीति, एनसीपी की राजनीति किस करवट बैठेगी, यह केवल शरद पवार ही जानते हैं.

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