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Maharashtra leopard attack: महाराष्ट्र के पुणे में तेंदुओं आतंक बढ़ चुका है. तेंदुओं के हमले में बीते 20 दिनों में तीन लोगों की मौत हो गई है. इसके कारण भय का माहौल देखा जा रहा है. ऐसे में लोग तेंदुए के हमले से बचने को लेकर गले में नुकीले कीलों के पट्टे पहन रहे हैं. यहां पर लोगों का घर से बाहर निकलना कठिन हो चुका है. अब कील वाले पट्टे पहनकर लोग बाहर आ रहे हैं. उनका माना है कि तेंदुए हमले से बचने के लिए गले में इस नुकीले पट्टे को टांगने से सुरक्षा हो सकेगी. स्थानीय लोगों का कहना है कि अगर तेंदुआ हमला करता है तो यह कीलें उसे मुंह में चुभेंगी.
3300 नेक बेल्ट बांटे गए
वहीं पुणे के प्रशासन की ओर से बयान में बताया गया कि तेंदुए छोटे कद के लोगों पर अधिक हमला कर रहे हैं. ज्यादातर खेतों में काम करने वाले लोगों पर खतरा बना हुआ है. वे उन पर सीधे हमला करते हैं. इस दौरान तेंदुआ सीधे गले पर हमला करते हैं. इस खतरे से बचने को लेकर पिंपरखेड़ की महिलाएं अनिवार्य रूप से नुकीली कीलों वाले पट्टे पहने हुए हैं. इस दौरान क्षेत्रीय वन अधिकारी स्मिता राजहंस का कहना है कि इन हमलों से बचने को लेकर हर संभव प्रयास हो रहे हैं. इसे लेकर क्षेत्र में आत्मरक्षा को लेकर 3300 नेक बेल्ट बांटे गए हैं.
तेंदुओं का आतंकी, 20 सालों में 56 मौतें
स्थानीय लोगों की डिमांड है कि वन विभाग और प्रशासन को ग्रामीणों के इस नए जुगाड़ पर ध्यान देने की जरूर है. इसके लिए प्रचार प्रसार हो रहा है. पुणे जिले के जुन्नर वन प्रभाग में दो हजार से ज्यादा तेंदुए हैं. बीते 20 वर्षों में तेंदुओं के हमलों में 56 लोग मारे गए हैं. वहीं 25 हजार से ज़्यादा जानवर मारे गए. बीते 20 दिनों की बात की जाए तो यहां पर तीन लोगों की मौत चुकी है. यह क्षेत्र शिरूर तालुका के पिंपरखेड़ का है. इसके बाद से गुस्साए ग्रामीणों ने वन विभाग की एक गाड़ी और कार्यालय को आग हवाले कर दिया. पुणे-नासिक राजमार्ग को पूरी तरह से जाम कर दिया. तेंदुओं के बढ़ते हमले को लेकर नागरिकों में दहशत है. लोगों को दिन में भी घर से बाहर निकलना कठिन हो गया है.
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