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JNU Violence: गेटवे ऑफ इंडिया से हटाए गए प्रदर्शनकारी, नई जगह किया गया शिफ्ट

अधिकारी ने बताया कि पुलिस ने प्रदर्शनकारियों से जाने की अपील की थी लेकिन वे माने नहीं, इसलिए उन्हें आजाद मैदान ले जाया गया.

Updated on: 07 Jan 2020, 10:51 AM

मुम्बई:

जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय (जेएनयू) में छात्रों और शिक्षकों पर हुए हमले का विरोध कर रहे प्रदर्शनकारियों को मंगलवार सुबह गेटवे ऑफ इंडिया से आजाद मैदान ले जाया गया क्योंकि सड़क जाम होने की वजह से आम लोगों और पर्यटकों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा था. अधिकारी ने बताया कि पुलिस ने प्रदर्शनकारियों से जाने की अपील की थी लेकिन वे माने नहीं, इसलिए उन्हें आजाद मैदान ले जाया गया.

पुलिस उपायुक्त (जोन 1) संग्राम सिंह निशंदर ने कहा, ‘प्रदर्शन के कारण पर्यटक को परेशानी हो रही थी और यातायात समस्या उत्पन्न हो रही थी, इसलिए हमने प्रदर्शनकारियों से आजाद मैदान जाने को कहा था. लेकिन कुछ समूह हमारे बार-बार अनुरोध के बावजूद नहीं माने, इसलिए हम उन्हें आजाद मैदान ले गए.’ हाथों में टैम्बोरिन और गिटार लिए और क्रांति के गीत गाते प्रदर्शनकारियों ने गेटवे ऑफ इंडिया और ताज महल पैलेस होटल के बाहर रातभर प्रदर्शन किया था.

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रविवार आधी रात को दक्षिण मुम्बई के कोलाबा में गेटवे ऑफ इंडिया के सामने बड़ी संख्या में छात्रों और महिलाओं सहित बड़ी संख्या में लोग जमा हुए थे. बाद में अनुराग कश्यप, स्वरा भास्कर और विशाल ददलानी जैसी बॉलीवुड हस्तियां भी यहां पहुंची. गौरतलब है कि जेएनयू परिसर में रविवार रात लाठियों और लोहे की छड़ों से लैस कुछ नकाबपोश लोगों ने परिसर में प्रवेश कर छात्रों तथा शिक्षकों पर हमला कर दिया था और परिसर में संपत्ति को नुकसान पहुंचाया था. बाद में प्रशासन को पुलिस को बुलाना पड़ा.

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गेटवे ऑफ इंडिया पर प्रदर्शन के दौरान ‘हम देखेंगे’, 'हम होंगे कामयाब' , ‘सरफ़रोशी की तमन्ना' जैसे गीत गूंजे. आईआईटी बॉम्बे, टीआईएसएस और एएसएफआई के छात्रों समेत कई छात्र संगठनों के सदस्यों ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के खिलाफ नारे भी लगाए. प्रदर्शन स्थल पर भारी पुलिस की तैनाती की गई थी और प्रदर्शनकारियों को पानी, चाय, बिस्कुट और फल दिए गए। नागरिक निकायों ने शौचालय की व्यवस्था भी की.