इस संत का दिमाग है कंप्यूटर से भी तेज, दुनिया के सामने रख दी ये बड़ी बात

महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री ने स्टेज से ऐलान कर दिया कि महाराष्ट्र के हर स्कूल में सरस्वती साधना को शुरू किया जाएगा. ताकि हर विद्यार्थी की मानसिक शक्ति का विकास हो और वो किसी भी परीक्षा में पीछे नही रहेंगे.

author-image
Prashant Jha
एडिट
New Update
jain saint sagar ji

जैन धर्म के संत डॉ. अजितचंद्र सागर( Photo Credit : सोशल मीडिया)

भारत संतों का देश रहा है. हमारे संतों ने अपने योग और तपस्या से भगवान को भी धरती पर उतरने को मजबूर कर दिया था. लेकिन आज के जमाने भी तपस्या और साधना से चमत्कार हो सकता है ये साबित किया है जैन धर्म के संत डॉ. अजितचंद्र सागर ने... अपने दशकों की तपस्या और 8 साल तक मौन व्रत रखने के बाद इस जैन संत ने विज्ञान को ही चुनौती दे दी. जैन संत का दावा था कि वो 1000 अवधान कर सकते हैं यानी एक हज़ार लोगों द्वारा कही गयी बातों को सुनना और फिर उसी क्रम में उन सभी बातों को दोहराना. जैन संत की ये चुनौती किसी चमत्कार से कम नही था इसलिए इसकी परीक्षा हुई और चमत्कार को देखने महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे, फ़िल्म निर्माता-निर्देशक सुभाष घाई समेत कई बड़ी हस्तियां, ISRO के वैज्ञानिक, IAS, IPS और हज़ारों लोग पहुँचे थे.

Advertisment

जैन मुनि अजीत चंद्र सागर ने सहस्त्रावधान की चुनौती को स्वीकारा था.  सहस्त्रावधान यानी एक हजार बातों को याद रखकर उन्हें उसी क्रम में दोहराना. इसके पहले जैन मुनि अजितचंद्र सागर साल 2014 में अर्धसहस्त्रावधान यानी 500 अवधान कर चुके थे, लेकिन पिछले 600 साल में कभी किसी संत ने सहस्त्रावधान नही किया था. ऐसे में जैन संत का ये दावा सीधे सीधे विज्ञान को चुनौती थी.

6 से 8 घंटों की बहस को दिमाग में रिकॉर्ड करने की शक्ति

मुम्बई के NSCI स्टेडियम में हज़ारों लोगों की भीड़ मौजूद थी. एक हज़ार लोगों ने एक-एक कर 1000 सवाल जवाब किए. स्टेज पर जैन संत डॉ अजितचंद्र सागर ध्यान में बैठे थे और स्टेडियम में बैठे लोग पूछे गए हर सवाल-जवाब को किताब में लिख रहे थे. 1000 अवधान पूरा होने में 6-8 घंटे लग गए... इंतजार था कि क्या 8 घंटा की बातें जैन मुनि अपने दिमाग में रिकॉर्ड कर रहे हैं. क्या उसी क्रम में इन बातों को दोहराया जा सकेगा. हर कोई उत्सुकता के साथ योग और साधना के इस चमत्कार को देखने के लिए उत्सुक था. और फिर जब जैन मुनि ने बोलना शुरू किया तो सब दंग रह गए. 

महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने कर दिया बड़ा ऐलान

जैन मुनि की ये साधना कोई चमत्कार नही बल्कि ध्यान और योग से बढ़ाया गया मानसिक शक्ति का एक अनुठा उदाहरण है जिसे सरस्वती साधना नाम दिया गया है. महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री ने स्टेज से ऐलान कर दिया कि महाराष्ट्र के हर स्कूल में सरस्वती साधना को शुरू किया जाएगा. ताकि हर विद्यार्थी की मानसिक शक्ति का विकास हो और वो किसी भी परीक्षा में पीछे नही रहेंगे. मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने तो ये तक कह दिया कि वो चुनाव के बाद खुद भी सरस्वती साधना का ध्यन करेंगे.

गिनीज बुक समेत कई विश्व रिकॉर्ड दर्ज

जैन संत अजीत चंद्र सागर ने 12 वर्ष की उम्र में दीक्षा लिया था. उनके नाम गिनीज बुक समेत कई विश्व रिकॉर्ड दर्ज हैं. डॉ अजीतचंद्र सागर 8 साल तक मौन व्रत धारण कर चुके हैं. डॉ. अजितचंद्र सागर को 23 आगमों की 22 हज़ार से भी ज्यादा गाथा कंठस्थ है, यानी ज़बानी याद है.  19 साल की उम्र में अपने गुरु नयनचंद्रसागर सुरीश्वरजी महाराज के मार्गदर्शन में उन्होंने आत्मविश्वास का अद्भुत चमत्कार दिखाते हुए 1500 लोगों के सामने पहली बार 100 अवधान किया था.

सरस्वती साधना रिसर्च फाउंडेशन दावा करती है कि इस साधना को सीखकर देश का हर विद्यार्थी हर परीक्षा में सफल हो सकता है. अब तक दुनिया भर के 50 हज़ार से ज्यादा बच्चे सरस्वती साधना सीख चुके हैं. दावा है कि साधना की मदद से बच्चों में याद रखने की शक्ति बढ़ी है और उनका मानसिक विकास हुआ है. बरहाल जैन संत के इस चमत्कारिक मानसिक शक्ति को देखकर आज हर कोई हैरान है और दुनिया भर में इसकी चर्चा होने लगी है.

Source : Pankaj R Mishra

Maharashtra CM Eknath Shinde cm eknath on Saint dr ajitchandra Sagar CM Eknath Shinde Computer baba mumbai Computer Baba Jainism Saint dr ajitchandra Sagar Jainism Saint Saint
      
Advertisment