कांग्रेस को बालासाहेब की विरासत को स्वीकार करने में लगे 12 साल, जानें क्यों मिलिंद देवड़ा ने कही ये बात

Maharashtra Elections: शिवसेना नेता मिलिंद देवड़ा ने बड़ा बयान देते हुए कहा कि कांग्रेस पार्टी को बालासाहेब की विरासत स्वीकार करने में 12 साल का समय लगा.

Maharashtra Elections: शिवसेना नेता मिलिंद देवड़ा ने बड़ा बयान देते हुए कहा कि कांग्रेस पार्टी को बालासाहेब की विरासत स्वीकार करने में 12 साल का समय लगा.

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Vineeta Kumari
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बालासाहेब की विरासत

Maharashtra Elections: महाराष्ट्र में मतदान को महज 2 दिन शेष बचे हैं. आज चुनाव प्रचार का आखिरी दिन है. शाम 5 बजे के बाद प्रदेश में चुनाव प्रचार थम जाएगा. इससे पहले एकनाथ शिंदे गुट के नेता मिलिंद देवड़ा ने शिवसेना के संस्थापक बाबासाहेब ठाकरे के लिए बड़ी बात कह दी है. 

बालासाहेब ठाकरे को लेकर मिलिंद देवड़ा ने कह दी बड़ी बात

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दरअसल, रविवार को बालासाहेब की पुण्यतिथि के दिन देवड़ा ने कहा कि कांग्रेस पार्टी को बालासाहेब की विरासत स्वीकार करने में 12 साल का समय लगा. सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर ट्वीट करते हुए उन्होंने लिखा कि 2012 में ही केंद्रीय मंत्रीय मंत्री रहते हुए यूपीए सरकार से बालासाहेब की पुण्यतिथि को राष्ट्रीय शोक का दिन घोषित करने की मांग की थी. उस समय इसके लिए तत्कालीन प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह तो तैयार हो गए थे, लेकिन गठबंधन के कुछ लोग इसके लिए तैयार नहीं हुए.

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12 साल बाद कांग्रेस ने मानी विरासत

बता दें कि बालासाहेब की पुण्यतिथि पर कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने भी एक्स पर ट्वीट कर लिखा कि बालासाहेब की 12वीं पुण्यतिथि पर उन्हें याद कर रहा हूं. मेरी संवेदनाएं उनके परिवार के साथ है. मिलिंद देवड़ा के इस ट्वीट को राहुल गांधी के ट्वीट से जोड़कर देखा जा रहा है. देवड़ा की बात करें तो आगामी विधानसभा में वह वर्ली सीट से शिवसेना की टिकट से चुनाव लड़ रहे हैं. उनके सामने चुनावी मुकाबले में शिवसेना (यूबीटी) के नेता आदित्य ठाकरे हैं. 

वर्ली सीट पर त्रिकोणीय मुकाबला

इन दोनों के अलावा इस सीट से MNS नेता संदीप देशपांडे भी चुनावी मैदान में हैं. वर्ली सीट को शिवसेना का गढ़ माना जाता है. पहली बार शिवसेना दो गुटों में विभक्त होने के बाद विधानसभा चुनाव लड़ रही है. 2019 में आदित्य ठाकरे ने इस सीट से चुनावी में जीत दर्ज की थी, लेकिन इस बार वर्ली सीट पर त्रिकोणीय मुकाबला देखने को मिलेगा. आदित्य ठाकरे की जीत की राह आसान नहीं होने वाली है क्योंकि उनके सामने दिग्गज नेता मिलिंद देवड़ा हैं. महाराष्ट्र की बात करें तो प्रदेश में कुल 288 सीटें हैं. 20 नवंबर को चुनाव के बाद 23 नवंबर को नतीजे घोषित किए जाएंगे. 

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