logo-image

महाराष्ट्र के डिप्टी सीएम अजीत पवार के ठिकानों पर आयकर विभाग का छापा

अजीत पवार ने खुद से संबंधित कंपनियों पर इनकम टैक्स विभाग ने छापेमारी की बात को स्वीकार किया है.

Updated on: 07 Oct 2021, 04:15 PM

highlights

  • अजीत पवार ने कहा कि मेरा एकमात्र दुख यह है कि उन्होंने मेरी तीन बहनों से संबंधित परिसरों पर छापेमारी की गयी
  • आयकर विभाग ने डायनामिक्स और डीबी रियल्टी के प्रमोटरों के दफ्तरों और आवासों पर छापेमारी की
  • अजीत पवार ने कहा कि आईटी विभाग की कार्रवाई से कोई शिकायत नहीं है, मगर रिश्तेदारों पर कार्रवाई पर बुरा लगता है

नई दिल्ली:

महाराष्ट्र में आयकर विभाग की छापेमारी चल रही है. महाराष्ट्र के उप मुख्यमंत्री अजीत पवार के मुंबई, पुणे, नागपुर स्थित ठिकानों पर छापेमारी जारी है. सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक कुछ रियल एस्टेट डेवलपर्स के महाराष्ट्र सरकार के एक वरिष्ठ मंत्री के साथ घनिष्ठ संबंध हैं. आयकर विभाग ने डायनामिक्स और डीबी रियल्टी के प्रमोटरों के दफ्तरों और आवासों पर छापेमारी की. डायनामिक्स और डीबी रियल्टी द्वारा वित्त पोषित चीनी मिलों पर भी छापेमारी जारी है. मुंबई, पुणे, नागपुर और अन्य जगहों पर करीब 50 जगहों पर छापेमारी की जा रही है.

अजीत पवार ने खुद से संबंधित कंपनियों पर इनकम टैक्स विभाग ने छापेमारी की बात को स्वीकार किया है.  हालांकि, अजीत पवार ने कहा कि उन्हें आईटी विभाग की कार्रवाई से कोई शिकायत नहीं है, मगर अपने रिश्तेदारों की कंपनियों के खिलाफ इस तरह की कार्रवाई पर बुरा लगता है.

राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) के नेता अजीत पवार ने मुंबई में संवाददाताओं से कहा कि यह सच है कि आईटी विभाग ने मुझसे संबंधित कुछ फर्मों पर छापा मारा है. यह उनका अधिकार है ... मुझे नहीं पता कि क्या ये छापे राजनीतिक उद्देश्यों के लिए किए गए थे या फिर वे अधिक जानकारी चाहते हैं, क्योंकि हम समय पर टैक्स का भुगतान कर रहे हैं. 

यह भी पढ़ें: क्रूज पार्टी मामले में NCB का NCP पर तंज, एनसीबी को बदनाम करने का प्रयास किया जा रहा

उन्होंने कहा कि मेरा एकमात्र दुख यह है कि उन्होंने मेरी तीन बहनों से संबंधित परिसरों पर छापेमारी की है. उनमें से एक कोल्हापुर में रहती हैं और अन्य दो पुणे में. उपमुख्यमंत्री ने कहा कि वह उन पर छापे के पीछे का कारण नहीं समझ सके हैं. पवार ने कहा कि अगर वे मेरी बहनें हैं, इसलिए छापे मारे गए तो राज्य के लोगों को सोचना चाहिए कि केंद्रीय एजेंसियों का किस स्तर पर दुरुपयोग किया जा रहा है.