सरकार में शामिल नहीं हुई कांग्रेस (Congress) तो महाराष्‍ट्र (Maharashtra) से मिट जाएगा वजूद, नेताओं ने सोनिया गांधी को चेताया

महाराष्‍ट्र (Maharashtra) में शिवसेना (Shiv Sena) के साथ जाने को लेकर कांग्रेस (Congress) में ऊहापोह के हालात हैं. राज्‍य में कुछ नेताओं का मानना है कि अगर सरकार में कांग्रेस (Congress) नहीं शामिल होती है तो राज्‍य से वजूद मिट जाएगा.

author-image
Sunil Mishra
New Update
सरकार में शामिल नहीं हुई कांग्रेस (Congress) तो महाराष्‍ट्र (Maharashtra) से मिट जाएगा वजूद, नेताओं ने सोनिया गांधी को चेताया

'सरकार में शामिल नहीं हुई कांग्रेस तो महाराष्‍ट्र से मिट जाएगा वजूद'( Photo Credit : IANS)

महाराष्‍ट्र (Maharashtra) में शिवसेना (Shiv Sena) के साथ जाने को लेकर कांग्रेस (Congress) में ऊहापोह के हालात हैं. राज्‍य में कुछ नेताओं का मानना है कि अगर सरकार में कांग्रेस (Congress) नहीं शामिल होती है तो राज्‍य से वजूद मिट जाएगा. इन नेताओं का मानना है कि बीजेपी (BJP) के हाथ से निकले इस मौके को हर हाल में भुनाना चाहिए और महाराष्‍ट्र में बनने वाली सरकार में शामिल होना चाहिए. टाइम्‍स ऑफ इंडिया की खबर के अनुसार, सोमवार को हुई कांग्रेस कार्यसमिति (CWC) की बैठक में अशोक चव्हाण (Ashok Chauhan), बालासाहब थोराट (Balasahab Thorat), माणिकराव ठाकरे (Manik Rao Thackrey) और रजनी पाटिल (Rajni Patil) ने सरकार बनाने पर जोर दिया. हालांकि कुछ नेता ऐसे भी रहे, जिन्‍होंने शिवसेना के साथ जाने का विरोध किया.

Advertisment

यह भी पढ़ें : उत्‍तराखंड-अरुणाचल में राष्‍ट्रपति शासन को लेकर मोदी सरकार की हो चुकी है फजीहत

बैठक में सोनिया गांधी को बताया गया कि कांग्रेस से जीते विधायक सरकार में शामिल होने को लेकर बेताब हो रहे हैं. विधायकों का कहना है कि वे अपने बूते जीतकर आए हैं और पार्टी की ओर से उन्‍हें मदद नहीं मिली. अभी कांग्रेस के सभी विधायकों को तोड़फोड़ से बचाने के लिए राजस्‍थान की राजधानी जयपुर में शिफ्ट कर दिया गया है.

हालांकि बैठक में एके एंटनी, मुकुल वासनिक और पूर्व गृह मंत्री शिवराज पाटिल ने शिवसेना के साथ जाने का विरोध किया. इन नेताओं का मानना था कि पूर्णतः हिंदुत्व की सोच वाली शिवसेना के साथ जाने से पार्टी को बड़ा नुकसान हो सकता है. केसी वेणुगोपाल बोले, कर्नाटक में जेडी (एस) जिस तरह से साथ चल नहीं सका ऐसा ही कुछ महाराष्ट्र में होने की भी आशंका है. वहीं, अशोक चव्हाण ने कहा कि ऐसा हो सकता है कि शिवसेना का साथ देने पर अल्पसंख्यक समुदाय का कांग्रेस से भरोसा उठ जाए.

यह भी पढ़ें : कर्नाटक : विधायकों को अयोग्‍यता से राहत नहीं, लड़ सकेंगे विधानसभा चुनाव, सुप्रीम कोर्ट ने दिया फैसला

बैठक से पहले तक सोनिया गांधी खुद शिवसेना को समर्थन देने को राजी नहीं थीं, लेकिन महाराष्‍ट्र के स्‍थानीय नेताओं की बात को उन्‍होंने गंभीरता से लिया. फिर एनसीपी प्रमुख शरद पवार से बात हुई तो उन्‍होंने कहा, अभी सभी बातें निर्णायक दौर में नहीं पहुंची हैं, इसलिए कुछ भी कदम उठाना सही नहीं होगा. इसके बाद सोनिया गांधी ने खुद पर बनते दबाव के बीच अपने वरिष्ठ तीन नेताओं को पवार और एनसीपी के अन्य नेताओं से बात करने मुंबई भेजा.

Source : न्‍यूज स्‍टेट ब्‍यूरो

Manik Rao Thackrey Balasahab Thorat rajni patil congress BJP Ashok Chauhan maharashtra Shiv Sena AK Antony
      
Advertisment