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महाराष्ट्र: कोर्ट ने पलांडे और शिंदे को 1 जुलाई तक ED की कस्टडी में भेजा

PMLA अदालत ने महाराष्ट्र के पूर्व गृह मंत्री अनिल देशमुख के सहयोगियों कुंदन शिंदे और संजीव पलांडे को 1 जुलाई तक प्रवर्तन निदेशालय की हिरासत में भेज दिया है

Updated on: 26 Jun 2021, 05:24 PM

highlights

  • महाराष्ट्र 100 करोड़ रुपए की वसूली मामले में अनिल देशमुख की बढ़ती जा रही मुश्किलें
  • ED ने अनिल देशमुख के सहयोगी कुंदन शिंदे और पीएस संजीव पलांडे को गिरफ्तार किया
  • PMLA अदालत ने कुंदन शिंदे और संजीव पलांडे को 1 जुलाई तक ED की हिरासत में भेज दिया

मुंबई:

महाराष्ट्र 100 करोड़ रुपए की वसूली मामले में पूर्व गृह मंत्री अनिल देशमुख की मुश्किलें बढ़ती जा रही हैं. प्रवर्तन निदेशालय ने अनिल देशमुख के सहयोगी कुंदन शिंदे और पीएस संजीव पलांडे को गिरफ्तार कर लिया है. दोनों को आज ईडी ने स्पेशल पीएमएलए कोर्ट में पेश भी किया, जहां विशेष PMLA अदालत ने महाराष्ट्र के पूर्व गृह मंत्री अनिल देशमुख के सहयोगियों कुंदन शिंदे और संजीव पलांडे को 1 जुलाई तक प्रवर्तन निदेशालय की हिरासत में भेज दिया है. आरोपियों के वकील का कहना है कियह पूरा मामला राजनैतिक है और राजनीति की बड़ी मछली को पकड़ने के लिए इन आरोपियों को चारे के तौर पर इस्तेमाल किया जा रहा है अगर पूछताछ ही करनी थी तो समन देकर बुलाया जा सकता था, लेकिन ईडी ने सीधे घर पर छापेमारी की और हमें वहीं समन थमाए और अपने साथ ले आए, देर रात हमारी गिरफ्तारी कर ली ईडी एक elite organisation है लेकिन इस बार उन्होंने काम किसी लोकल पुलिस के स्तर का किया है.

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सुप्रीम कोर्ट ने जिस तरीके से एक ज़माने में सीबीआई को पिंजरे का तोता कहा था, उसका उदाहरण देते हुए आरोपी के वकील ने कहा कि ठीक उसी तरह ईडी एक caged sparrow है जो करती कुछ नहीं और सिर्फ ट्वीट करती है.. इस बयान पर ईडी के वकील ने ऐतराज़ जताया और कहा कि इस तरह के व्यक्तिगत आक्षेप नहीं होने चाहिए जिसके बाद आरोपियों के वकील ने तुरंत माफी भी मांग ली, साथ ही कोर्ट ने भी चेतावनी दी कि वकील इस तरह की भाषा का प्रयोग करने से बचें. आरोपी के वकील ने कहा कि परमबीर सिंह का चैट करना और उसे अपने पत्र में इस्तेमाल करना एक staged drama है जिसे सिर्फ सीएम को चिट्ठी लिखने के दौरान इस्तेमाल करने की पूर्वयोजना थी.. बाद में उसी पत्र का इस्तेमाल जयश्री पाटिल ने हाईकोर्ट के अपनी याचिका में किया

पुलिस ट्रांसफर के मुद्दे पर कहा कि पुलिस ट्रांसफर का काम police establishment board करता है जिसकी सिफारिश पर मुख्यमंत्री फैसला लेते हैं, और यह जिस समय का मामला है, उस समय बोर्ड में अब के चीफ सेक्रेटरी सीताराम कुंटे और वर्तमान सीबीआई चीफ सुबोध जैसवाल सदस्य थे। तो क्या यह मान लिया जाए कि state cadre के अडिशनल कलेक्टर लेवल के अधिकारी संजीव पलांडे ना सिर्फ police establishment board को प्रभावित कर सकते थे, बल्कि मुख्यमंत्री के ऊपर जाकर भी फैसला प्रभावित कर सकते थे.. यह सब निराधार है..

आपको बता दें कि प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने शनिवार को कथित 'हफ्ता' मामले में महाराष्ट्र के पूर्व गृह मंत्री अनिल देशमुख के दो सहयोगियों को गिरफ्तार किया. दोनों के नाम कुंदन शिंदे और संजीव पलांडे हैं, जो राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के वरिष्ठ नेता देशमुख के साथ निजी कर्मचारी के रूप में काम कर रहे हैं. यह कार्रवाई ईडी द्वारा देशमुख के अलावा उनके सहयोगियों के नागपुर और मुंबई आवासों पर छापेमारी करने के एक दिन बाद हुई, जिसका सत्तारूढ़ महा विकास अघाड़ी (एमवीए) ने विरोध किया.

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इससे पहले 24 अप्रैल को केंद्रीय जांच ब्यूरो ने देशमुख के खिलाफ कई शहरों में 10 ठिकानों पर छापेमारी की थी. 71 वर्षीय नेता को उनके परिसरों की तलाशी के दौरान उनके घर पर कई घंटों तक हिरासत में रखा गया था. अपने ऊपर लगे आरोपों और बॉम्बे हाईकोर्ट के निर्देशों के बाद, देशमुख ने 5 अप्रैल को महाराष्ट्र के गृह मंत्री का पद छोड़ दिया. आपको बता दें कि महाराष्ट्र के पूर्व गृह मंत्री अनिल देशमुख से सीबीआई के दो वरिष्ठ अधिकारियों ने आठ घंटे से अधिक समय तक पूछताछ की थी. यह पूछताछ मुंबई के पूर्व पुलिस आयुक्त परम बीर सिंह द्वारा लगाए गए भ्रष्टाचार के आरोपों के सिलसिले में की गई. सिंह के आरोपों से जुड़े उनसे 36 से अधिक सवाल किए गए.

 

सूत्रों ने कहा कि अधिकांश सवालों का जवाब देते हुए, देशमुख ने कथित तौर पर कहा कि वह इस मामले में शामिल नहीं हैं और आरोप लगाया कि आरोप राजनीतिक उद्देश्यों के तहत लगाए गए हैं.