Maharashtra Mid Day Meal: महाराष्ट्र मिड-डे मील खाने से करीब 70 छात्रों की तबीयत बिगड़ने की खबर सामने आ रही है. बच्चों की हालत खराब होने के बाद उन्हें अस्पताल में एमडिट करवाया गया है. जहां उनका इलाज चल रहा है. यह घटना चंद्रपुर जिले के सावली तहसील के पराडी गांव की है. स्कूल में कुल 133 छात्र हैं. छात्रों के साथ ही मिड-डे मील का खाना बनाने वाली महिला भी बीमार हो गई.
70 बच्चों की बिगड़ी तबीयत
घटना के बाद से स्कूल में हड़कंप मच गया है. घटना की सूचना मिलते ही शिक्षा विभाग और फूड जांच एजेंसी इसकी जांच कर रही है. आखिर किस वजह से छात्र बीमार पड़े. मामले की जांच चल रही है और जांच रिपोर्ट आने के बाद ही पुलिस आगे की कार्रवाई करेगी.
ठाणे में भी मिड डे मील से छात्र बीमार
इस स्कूल में 1-7वीं तक के कुल 133 छात्र हैं. गुरुवार को मिड-डे मील में खिचड़ी बनी थी. जिसे खाने के बाद से सभी छात्रों को पेट में दर्द, सिर दर्द, जी मिचलाने जैसी समस्या होने लगी. प्रदेश के ठाणे जिले में भी अक्टूबर में मिड डे मील का खाना खाने से बहुत से स्कूली छात्रों की तबीयत बिगड़ गई थी. खाना खाने से स्कूल के 38 बच्चे बीमार पड़ गए थे. मिड डे मील योजना की शुरुआत 1995 में पूरे भारत में शुरू हुई थी. इस योजना का नाम बाद में बदलकर पीएम पोषण योजना कर दिया गया है.
महाराष्ट्र सरकार की पहल
समय-समय पर मिड-डे मील के खाने में बच्चों को बेहत आहार देने के लिए मेन्यू में बदलाव किया जाता रहता है. हाल ही में महारष्ट्र सरकार ने मिड-डे मील में अंडे को शामिल किया है. हफ्ते में किसी एक दिन या तो बुधवार या शुक्रवार को उबले हुए अंडे या अंडा बिरयानी दिया जाता है.
क्या है महाराष्ट्र मिड डे मील का मेन्यू-
महाराष्ट्र सरकार ने स्कूली बच्चों के पोषण को बेहतर बनाने के लिए अंडे और केले भी शामिल किए हैं. इसके अलावा बच्चों को चावल-दाल से बनी खिचड़ी दिया जाता है. जो बच्चे अंडे खाते हैं, उन्हें उबले अंडे या बिरयानी दी जाती है और जो अंडे नहीं खाते हैं, उन्हें उसकी जगह केले या फिर कोई दूसरा फल दिया जाता है.