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भारी बारिश व बाढ़ से तबाह हुए महाराष्ट्र के किसानों को सरकार ने दी 3501 करोड़ की राहत राशि

महाराष्ट्र में इस वर्ष भारी बारिश और बाढ़ से हुई तबाही को देखते हुए महाराष्ट्र सरकार ने किसानों को 3 हजार 501 करोड़ की मदद देने का ऐलान किया. इस योजना के तहत 3 हेक्टेयर तक के नुकसान के लिए मदद की जाएगी.

Updated on: 10 Sep 2022, 05:31 PM

मुंबई:

महाराष्ट्र में इस वर्ष भारी बारिश और बाढ़ से हुई तबाही को देखते हुए महाराष्ट्र सरकार ने किसानों को 3 हजार 501 करोड़ की मदद देने का ऐलान किया. इस योजना के तहत 3 हेक्टेयर तक के नुकसान के लिए मदद की जाएगी. 27 हजार प्रति हेक्टेयर से 36 हजार प्रति हेक्टर तक मदत राहत और आपदा प्रबंधन विभाग की तरफ से किसानों को मदद दी जाएगी. सरकार की ओर से कहा गया है कि केंद्र से नुकसान की राशि आने पर अतिरिक्त मदद बाद में दी जाएगी.

दरअसल, जून से अगस्त महीने के बीच महाराष्ट्र में भारी बारिश और बाढ़ से कुल 23 लाख 81 हजार 920 हेक्टेयर में लगे फसलों को नुकसान पहुंचा था. इस दौरान भारी बारिश से राज्य के 25 लाख 93 हजार किसान बुरी तरह प्रभावित हुए थे. इसी को देखते हुए प्रभावित किसानों के लिए 3 हजार 501 करोड़ रुपए की सहायता की घोषणा की गई है. गौरतलब है कि सरकार ने राहत एवं पुनर्वास विभाग से संबंधित अफसरों को  प्रभावित किसानों को तत्काल राहत राशि वितरित करने के निर्देश दिए हैं​.​ इसके साथ ही ​किसानों के लिए राहत राशि संबंधित संभागीय आयुक्तों, जिला कलेक्टरों को सौंप दी गई है. सरकार ने इस सहायता राशि को सीधे किसानों के बैंक खाते में ऑनलाइन जमा करने के लिए कहा गया है.

राहत राशि में सरकार ने किया इजाफा
गौरतलब है कि कुछ दिन पहले महाराष्ट्र सरकार ने प्राकृतिक आपदाओं से प्रभावित लोगों की सहायता राशि बढ़ाने का फैसला किया था. इसके अनुसार कृषि योग्य खेती के लिए पूर्व की दर 6800 रुपए से बढ़ाकर 13 हजार 600 रुपए प्रति हेक्टेयर, बागवानी के लिए 13 हजार 500 रुपए से 27 हजार रुपये और बारहमासी कृषि के लिए 18 हजार रुपए से बढ़ाकर 36 हजार रुपए कर दी गई है.​

अभी और भी आएगी तबाही
इस बीच, राज्य में बारिश फिर से शुरू होने से किसानों को और परेशानी का सामना करना पड़ सकता है. बुलढाणा - पझर झील फटने से कृषि फसलों को नुकसान पहुंचा है, जालना जिले की सीमा पर स्थित पाजार झील तीन दिन से लगातार हो रही बारिश से फट गई है. दो गांव बरौली और भिवा गांव में सड़क किनारे स्थित यह सीवेज झील. झील और स्पिलवे में रुकावट..इस टपका झील के नीचे आ रहे सैकड़ों लोग. हेक्टेयर कृषि भूमि का ह्रास हुआ है. सोयाबीन की फसल खेतों में बह जाने से किसानों को भारी आर्थिक नुकसान हुआ है. पझर झील के फटने से बुलढाणा जिले के देउलगांव राजा तालुका के निमखेड़, गिरोली गांवों के किसानों के खेत बह गए हैं. यह पझर झील जो एक दिन पहले दोपहर में फट गई थी. इस बीच अगले 3- दिन के दौरान मुंबई, रायगढ़, ठाणे, रत्नागिरी, सिंधुदुर्ग, पुणे, सतारा और उस्मानाबाद में अलग-अलग स्थानों पर 30-40 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से चलने वाली तेज हवाओं के साथ बिजली और हल्की से मध्यम बारिश के साथ गरज के साथ बौछारें पड़ने की संभावना है.