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मुम्बई में गणेश उत्सव की धूम, कोरोना के बाद बप्पा की विशालकाय मूर्तियों की मांग बढ़ी

कोरोना महामारी के 2 साल तक गणेश उत्सव मनाने पर कई तरह के प्रतिबंध थे लेकिन इस बार सभी प्रतिबन्धों से मुक्त होकर बाप्पा पहले की तरह अपने भक्तों को दर्शन देंगे

Updated on: 23 Aug 2022, 03:18 PM

नई दिल्ली:

महाराष्ट्र में इन दिनों सबसे बड़े उत्सव यानी कि गणेश उत्सव की तैयारी चल रही है। कोरोना महामारी के 2 साल तक गणेश उत्सव मनाने पर कई तरह के प्रतिबंध थे लेकिन इस बार सभी प्रतिबन्धों से मुक्त होकर बाप्पा पहले की तरह अपने भक्तों को दर्शन देंगे। मुंबई में गणेश उत्सव को लेकर किस तरह का जोश उत्साह है इस पर देखिए हमारी यह खास रिपोर्ट। भगवान गणेश की एक से बढ़कर एक प्रतिमा इन दिनों मुम्बई के सड़कों की शोभा बनी हूई है। कोरोना महामारी के 2 साल बाद मुम्बई की सड़कों पर इस तरह की तस्वीर दिखाई दे रही है। बाप्पा की विशालकाय मूर्तियों को एक सप्ताह पहले से ही पंडालों में लेकर जाया जा रहा है। वहीं वर्कशॉप में भी मूर्तियों को तैयार करने का काम आखिरी स्टेज पर है जिसे युद्धस्तर पर पूरा किया जा रहा है।

कोरोना काल में सरकार ने गणेश उत्सव पर कई तरह के प्रतिबंध लगाए थे यहां तक कि मूर्तियों की ऊंचाई पर भी प्रतिबंध लगाया गया था। इन प्रतिबंधों के कारण कई बड़े मंडलों गणेश उत्सव नही मनाने का फैसला लिया। लेकिन इस बार सभी तरह के प्रतिबंधों को सरकार ने हटा दिया है जिज़के बाद बड़ी मूर्तियों की मांग ज्यादा बढ़ गयी है।

  • कोरोना काल के दौरान पूरे मुम्बई में धारा 144 लागू था।
  • सार्वजनिक गणेश उत्सव पंडालों में भक्तों को जाने की इजाज़त नही थी।
  • राज्य के गृह विभाग ने भक्तों को सिर्फ ऑनलाइन दर्शन की इजाजत दी थी।
  • बाप्पा के आगमन या विदाई के दिन जुलूस निकालने पर भी रोक लगाई गई थी।
  • बीएमसी ने घर में स्थापित किए जाने वाले गणपति की मूर्तियों की ऊंचाई दो फुट तय की थी।
  • जबकि सार्वजनिक मंडलों में गणेश जी की मूर्ति की ऊंचाई चार फुट तक सीमित कर दी गयी थी।
  •  लेकिन इस बार गणेश उत्सव के दौरान भगवान और उनके भक्तों के बीच किसी भी तरह का कोई प्रतिबंध नही है। लिहाजा मुम्बई समेत पूरे राज्य में गणेश उत्सव की तैयारी और भक्तों का जोश सातवे आसमान पर है।