Lal Bagh ke Raja: मुंबई के प्रसिद्ध लालबाग के राजा की पहली झलक सामने आते ही पूरे देश में उत्सव का माहौल बन गया है. यह प्रतिमा सिर्फ एक मूर्ति नहीं, बल्कि करोड़ों भक्तों की आस्था, विश्वास और उम्मीदों का प्रतीक मानी जाती है. हर साल गणेशोत्सव की शुरुआत इसी भव्य दर्शन के साथ होती है, जिसे श्रद्धालु शिविरम के नाम से जानते हैं.
भव्य स्वरूप: चक्रधारी गणपति
इस वर्ष लालबाग के राजा का स्वरूप विशेष रूप से आकर्षक है. भगवान श्रीगणेश ने सिर पर सुनहरी मुकुट, हाथ में चक्र और पर्पल रंग के मलमल वस्त्र धारण किए हुए हैं. उनके गले में तीन रंगों से बनी सुंदर माला भी सजी है, जो श्रद्धालुओं को दिव्य अनुभूति कराती है. यह रूप रिद्धि-सिद्धि के दाता गणपति बाप्पा की शक्ति और सौंदर्य का अद्वितीय संगम है.
मन्नतों का राजा: श्रद्धा का केंद्र
लालबाग के राजा को मन्नत का राजा, नौसाला का राजा, और देश का राजा कहा जाता है. मान्यता है कि यहां सच्चे मन से की गई प्रार्थना अवश्य पूरी होती है. यही वजह है कि लाखों भक्त हर वर्ष लंबी कतारों में खड़े होकर उनके दर्शन करते हैं और अपनी मनोकामनाएं व्यक्त करते हैं.
भक्तों की भीड़ और शोभायात्रा का उल्लास
पहली झलक के साथ ही मंदिर परिसर में श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ पड़ी. भक्ति भाव से ओतप्रोत माहौल में हर तरफ "गणपति बाप्पा मोरया" के जयघोष गूंजने लगे. 21 फुट ऊंची प्रतिमा का आगमन ढोल-ताशों और भव्य शोभायात्रा के साथ हुआ. खास बात यह रही कि इस बार रथ की सारथी महिलाएं बनीं, जो नारी शक्ति का प्रतीक बन गईं.
महाराष्ट्र में गणेशोत्सव की धूम
मुंबई ही नहीं, महाराष्ट्र के अकोला समेत कई जिलों में भी गणेशोत्सव की जोरदार तैयारियां हैं. लालबाग के राजा की तरह अन्य स्थानों पर भी गणपति बाप्पा की भव्य प्रतिमाएं स्थापित की गई हैं और श्रद्धालु उत्साहपूर्वक भाग ले रहे हैं.