Farmers Tractor Rally: शरद पवार ने बताया- किसान गुस्से में क्यों हैं?
नए कृषि कानून के विरोध में गणतंत्र दिवस पर आंदोलनकारी किसान दिल्ली में कूच कर चुके हैं. इस दौरान किसानों की ट्रैक्टर रैली हिंसक हो गई है. किसान और पुलिस के बीच झड़प भी हुई. किसानों ने लाल किले में कूचकर अपना झंडा फहरा दिया.
नई दिल्ली:
नए कृषि कानून के विरोध में गणतंत्र दिवस पर आंदोलनकारी किसान दिल्ली में कूच कर चुके हैं. इस दौरान किसानों की ट्रैक्टर रैली हिंसक हो गई है. किसान और पुलिस के बीच झड़प भी हुई. किसानों ने लाल किले में कूचकर अपना झंडा फहरा दिया. इस बीच एनसीपी प्रमुख शरद पवार ने किसानों की हिंसा को लेकर मोदी सरकार पर हमला बोला है.
एनसीपी के चीफ शरद पवार ने कहा कि कृषि कानून को लेकर को चर्चा ज़ारी है. वह आज की नहीं बल्कि 2003 से चल रही है. लेकिन चुनाव हुए, अलग सरकार आईं तो ऐसे में हमारे मुद्दे पीछे रह गए. हमारा कहना इतना ही है कि इस पर सिलेक्टिव कमेटी बैठनी चाहिए, लेकिन अगर सिलेक्ट कमेटी के पास यह जाता तो इतना बडा मुद्दा न होता. लेकिन, सरकार ने अपने मन मुताबिक यह सब किया और किसानों ने यह कदम उठाया.
शरद पवार ने आगे कहा कि कई दिनों से पंजाब-हरियाणा के किसानों ने शांतिपूर्वक आंदोलन किया है, संयम दिखाया, लेकिन संयम के साथ किसान के साथ बैठक के बाद सरकार को भी कुछ स्टैंड लेने की जरूरत थी, चर्चा हुई लेकिन हल नहीं निकला. संयम खत्म हुआ, लेकिन किसानों ने जो ट्रैक्टर का इस्तेमाल किया, उस वक्त प्रशासन ने भी अपनी जिम्मेदारी निभानी थी.
उन्होंने आगे कहा कि देश के अन्नदाता की जरूरत को समझना और उनके मांग को मानना सरकार का काम था. 50-60 दिनों का यह आंदोलन और उनका संयम ध्यान में रखना था. जो भी हुआ वो ठीक नहीं हुआ, लेकिन किसान आखिर गुस्से में क्यों हैं? यह सरकार को समझना चाहिए था. अस्वस्थ पंजाब हमने पहले भी देखा है. सोमवार को मुंबई में भी किसानो ने आंदोलन किया था, लेकिन इन सबमें राज्य सरकार को भी अपनी जिम्मेदारी लेनी चाहिए, जो मुंबई में ली गई, मुंबई में जिस तरह का संयम दिखा वैसे दिल्ली में भी केंद्र सरकार ने दिखाना था.
शरद पवार ने कहा कि ये जो हो रहा है वह एक दिन की बात नहीं है. पंजाब, हरियाणा, पश्चिमी यूपी एवं राजस्थान के किसान इतने दिनों से बैठे हैं, बड़े पैमाने में बैठे हैं, भारत सरकार की जिम्मदारी थी कि इसपर बातचीत हो, इतने राउंड के बाद भी कोई हल नहीं निकला. इसकी विफलता का श्रेय सरकार को जाता है. लाल किला देश का प्रतीक है जो हुआ वह गलत हुआ किंतु इसके पीछे के कारण भी जानने की आवश्यकता है.
एनसीपी नेता ने कहा कि सरकार को इस ट्रैक्टर की जानकारी थी. बावजूद इसके सरकार ने अनुमति दी. मुझे अच्छी तरह पता नहीं है पर जो जानकारी मिली उसके अनुसार वे कनफ्यूजन में रास्ता भ्टक गए थे, किंतु उनके साथ जो व्यवहार किया वो गलत था. उन्होंने जो किया उसका समर्थन नहीं पर ये क्यों हुआ उसे नजरंदाज नहीं किया जा सकता. मैं जब दिल्ली जाऊंगा तो बातचीत करने का प्रयास करूंगा.
वीडियो
IPL 2024
मनोरंजन
धर्म-कर्म
-
Maa Lakshmi Puja For Promotion: अटक गया है प्रमोशन? आज से ऐसे शुरू करें मां लक्ष्मी की पूजा
-
Guru Gochar 2024: 1 मई के बाद इन 4 राशियों की चमकेगी किस्मत, पैसों से बृहस्पति देव भर देंगे इनकी झोली
-
Mulank 8 Numerology 2024: क्या आपका मूलांक 8 है? जानें मई के महीने में कैसा रहेगा आपका करियर
-
Hinduism Future: पूरी दुनिया पर लहरायगा हिंदू धर्म का पताका, क्या है सनातन धर्म की भविष्यवाणी