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BMC चुनावों की सरगर्मियां हुई तेज, दलों में आपसी खींचतान जारी

महाराष्ट्र में BMC चुनाव को लेकर सरगर्मी तेज हो गई हैं, वहीं राज्य सरकार में शामिल राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (NCP), शिवसेना ( Shivsena) और कांग्रेस (Congress) में भी आपसी खींचतान देखने को मिल रही है.

Updated on: 08 Jun 2022, 08:16 PM

नई दिल्ली :

महाराष्ट्र में BMC चुनाव को लेकर सरगर्मी तेज हो गई हैं, वहीं राज्य सरकार में शामिल राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (NCP), शिवसेना ( Shivsena) और कांग्रेस (Congress) में भी आपसी खींचतान देखने को मिल रही है. नाराज नेता एक दूसरे पर आरोप लगा रहे हैं. महा विकास अघाड़ी (एमवीए) के सहयोगी दलों के नेताओं का कहना है कि यह एक ऐसा गठबंधन है जिसके बारे में आम लोगों को भरोसा नहीं था कि यह टिकेगा भी या नहीं, हालांकि यह गठबंधन बना हुआ है और सरकार काम कर रही है. शिवसेना और कांग्रेस का अनोखा गठबंधन सत्ता में आने और भारतीय जनता पार्टी को सत्ता से हटाने के लिए राकांपा, शिवसेना और कांग्रेस का गठबंधन अनोखा है. 

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शिवसेना और कांग्रेस का अनोखा गठबंधन

सत्ता में आने और भारतीय जनता पार्टी को सत्ता से हटाने के लिए राकांपा, शिवसेना और कांग्रेस का गठबंधन अनोखा है. इनका सफर भी उतार-चढ़ाव से भरा रहा है और अब लगता है कि सब कुछ ठीक नहीं चल रहा है. इसमें विभिन्न विचारधाराओं वाले राजनीतिक दल शामिल हैं. इसके साथ ही पार्टियां बीएमसी चुनाव से पहले अपनी-अपनी तैयारियों में व्यस्त हैं. कांग्रेस का कहना है कि आगामी स्थानीय निकाय चुनावों से पहले बृहन्मुंबई नगर निगम (बीएमसी) में कांग्रेस के दो तिहाई से अधिक वार्ड महिलाओं के लिए आरक्षित करने का फैसला होना चाहिए.

25 साल से शिवसेना का दबदबा, कांग्रेस की सबसे खराब रेटिंग

इधर, कांग्रेस और शिवसेना मिलकर सरकार में शामिल हैं लेकिन स्थानीय चुनावों में वे दो अलग-अलग पार्टियों की तरह होंगे. देश की सबसे अमीर शहरी संस्था बीएमसी पर पिछले 25 सालों से शिवसेना का दबदबा रहा है. इसकी तुलना में कांग्रेस का प्रदर्शन लगातार खराब रहा है. 2017 में कांग्रेस की रेटिंग सबसे खराब थी. कांग्रेस के पास वर्तमान में 29 निर्वाचित पार्षद हैं, हालांकि अब इनमें से 21 वार्ड महिलाओं के लिए आरक्षित हैं.


राजनीतिक गठबंधन 'एकतरफा' नहीं हो सकता

सरकार में शामिल दलों के बीच सब कुछ कैसे चल रहा है, इस पर कांग्रेस नेता और पूर्व केंद्रीय मंत्री मिलिंद देवड़ा ने ट्वीट किया कि बीएमसी के वार्ड आरक्षण की "सबसे बड़ी दुर्घटना" कांग्रेस थी "एक एमवीए सहयोगी होने के बावजूद". इस ट्वीट के साथ उन्होंने पार्टी के केंद्रीय नेतृत्व राहुल गांधी और प्रियंका गांधी को टैग किया. उन्होंने कहा कि राजनीतिक गठबंधन 'एकतरफा' नहीं हो सकता. शिवसेना ने कांग्रेस के आरोपों का खंडन करते हुए कहा है कि राज्य चुनाव आयोग की अधिसूचना के अनुसार लॉटरी प्रणाली के माध्यम से निर्णय लिया गया था.


गठबंधन में तीसरे सहयोगी शरद पवार की राकांपा को बड़े भाई के तौर पर देखा जा रहा है, हालांकि पवार ने आपसी खींचतान और आरोपों से भी इनकार किया है. माना जा रहा है कि महाराष्ट्र की एमवीए सरकार का रिमोट कंट्रोल शरद पवार के पास है. इधर एनसीपी मंत्री धनंजय मुंडे ने दावा किया कि 'महाराष्ट्र' में अगला मुख्यमंत्री एनसीपी से होगा.