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Cm mohan yadav Photograph: (social media)
भारत रत्न सर मोक्षगुंडम विश्वेश्वरैया की जयंती पर इंजीनियरों के लिए मध्य प्रदेश में एक नए अनुसंधान एवं प्रशिक्षण संस्थान की स्थापना की जाएगी. इस संबंध में प्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने घोषणा की कि प्रदेश में इंजीनियरों को आधुनिक कार्यप्रणाली और टैक्नोलॉजी का प्रशिक्षण देने के लिए इस संस्थान को स्थापित किया जाएगा.
डॉ. विश्वेश्वरैया आधुनिक भारत के निर्माता
मुख्यमंत्री ने कहा कि डॉ. विश्वेश्वरैया ने तकनीक को विकास और जनकल्याण का एक शक्तिशाली माध्यम बनाया. उन्होंने डॉ. विश्वेश्वरैया को 'आधुनिक भारत का विश्वकर्मा' बताया. मुख्यमंत्री ने यह भी कहा कि भारत में भगवान विश्वकर्मा को प्रौद्योगिकी के देवता के रूप में पूजा जाता है. इंजीनियर उसी परंपरा को लेकर आगे बढ़ रहे हैं. पीएम नरेंद्र मोदी के 'पीएम गति शक्ति' जैसे अभियानों की मुख्यमंत्री ने सराहना की और कहा कि ऐसे अभियान हर चुनौती का सामना करने के लिए इंजीनियरों को प्रेरित करते हैं.
दो नए डिजिटल प्लेटफॉर्म्स का लोकार्पण
सीएम डॉ यादव ने इस मौके पर लोक निर्माण विभाग के दो डिजिटल प्लेटफॉर्म्स का अनावरण भी किया. पब्लिक वर्क्स सर्वे एप और पब्लिक प्रोजेक्ट मैनेजमेंट सिस्टम, इन प्लेटफॉर्म्स में शामिल हैं. इसके साथ ही मुख्यमंत्री ने एक समाचार-पत्र का भी विमोचन किया, जिसमें विभाग की उपलब्धियां दर्शाई जाएंगी.
उत्कृष्ट सेवा के लिए दिया मोक्षगुंडम विश्वेश्वरैया पुरस्कार
भारत रत्न सर मोक्षगुंडम विश्वेश्वरैया की जयंती के अवसर पर मुख्यमंत्री ने पीडब्ल्यूडी के इंजीनियरों और ठेकेदारों को उत्कृष्ट सेवा के लिए मोक्षगुंडम विश्वेश्वरैया पुरस्कार से सम्मानित किया. सुनील कौरव, संजीव कालरा, प्रीति यादव, परमेश कोरी, राजीव श्रीवास्तव, दीपक शर्मा, भुवना जोशी और विक्रम सोनी सम्मानित होने वालों में शामिल थे.
बेहतर समाज का निर्माण भी इंजीनियरों का कर्तव्य
इस अवसर पर लोक निर्माण मंत्री राकेश सिंह ने भी विचार व्यक्त किए. उन्होंने कहा कि सर मोक्षगुंडम विश्वेश्वरैया न केवल एक महान इंजीनियर थे, बल्कि एक दूरदर्शी समाज सुधारक भी थे. सर मोक्षगुंडम विश्वेश्वरैया ने सदा इस बात पर जोर दिया था कि इंजीनियर का काम केवल इमारतें बनाना ही नहीं है, बल्कि एक बेहतर समाज का निर्माण करना भी उनका कर्तव्य है.