शिवसेना के नेता संजय राउत (Sanjay Raut) मंगलवार को प्रवर्तन निदेशालय (ED) के सामने पूछताछ के लिए पेश नहीं हुए. संजय राउत ने अपने वकील के जरिए ईडी के सामने पेश होने के लिए और समय मांगा था. प्रवर्तन निदेशालय ने संजय राउत को थोड़ी राहत देते हुए उनको अब समन जारी कर 1 जुलाई को पेश होने के लिए कहा है. दरअसल साल 2017 में कांग्रेस-एनसीपी की सरकार ने पात्रा चॉल में रहने वाले 672 किराएदारों को फ्लैट देने का फैसला किया था और इसके लिए एचडीआईएल की एक सहायक कंपनी गुरु आशीष कंस्ट्रक्शन को निर्माण का ठेका दे दिया था. गुरु आशीष कंस्ट्रक्शन को 47 एकड़ जमीन पर 672 फ्लैट चॉल के किराएदारों को देने थे और तीन हजार फ्लैट एमएचडीए को हैंडओवर करने थे फ्लैट तैयार करने के बाद जो जमीन बचनी थी, उसे बेचने या विकसित करने के लिए फिर अनुमति लेनी थी. मगर फर्म ने न तो चॉल के लोगों के लिए फ्लैट बनाए और न ही एमएचडीए को ही कोई फ्लैट दिया जबकि कंपनी ने जमीन आठ अन्य बिल्डरों को 1,034 करोड़ रुपये में बेच दी.
संजय राउत कवेक्शन
घोटाला करने वाली एचडीआईएल के डायरेक्टर प्रवीण राउत, सारंग वधावन, राकेश वधावन हैं. इनमें से प्रवीण राउत और सारंग को प्रवर्तन निदेशालय पहले ही साल 2020 में गिरफ्तार कर चुका है. इन दोनों से पूछताछ में संजय राउत का नाम सामने आया. दरअसल प्रवीण राउत संजय राउत के दोस्त हैं. जांच में पता चला कि प्रवीण राउत की पत्नी ने संजय राउत की पत्नी को 55 लाख रुपये का ब्याज मुक्त कर्ज दिया था, इस पैसे से राउत परिवार ने दादर में एक फ्लैट खरीदा था
ईडी का एक्शन
पांच अप्रैल को इस मामले में ईडी ने संजय राउत के अलीबाग के प्लॉट और दादर के फ्लैट को अटैच किया था
Source : Rumman Ullah Khan