चुनाव आयोग ने शरद पवार को बड़ा झटका दिया है. आयोग ने महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री अजित पवार गुट को असली एनसीपी करार दिया है. साथ ही कहा है कि, अजित पवार गुट को एनसीपी का नाम और चुनाव चिह्न इस्तेमाल करने का अधिकार है. गौरतलब है कि, आयोग के इस फैसले से महाराष्ट्र में सियासी हलचल तेज हो गई है, जहां एक ओर कुछ वक्त पहले ही असली शिवसेना को लेकर राज्य के राजनीतिक गलियारे में घमासान बरकरार था, वहीं अब शरद पवार और उनके भतीजे अजित पवार के बीच की ये सियासी रार नया मुद्दा बनकर उभरा है...
गौरतलब है कि, चुनाव आयोग ने अपने आदेश में कहा कि, याचिकाकर्ता, अजीत पवार के नेतृत्व वाला गुट, राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) है और चुनाव प्रतीकों (आरक्षण और आवंटन) के प्रयोजनों के लिए अपने नाम और आरक्षित प्रतीक "घड़ी" का उपयोग करने का हकदार है.
6 महीने में 10 से अधिक सुनवाई के बाद सुलझाया मामला...
बता दें कि, चुनाव आयोग द्वारा महाराष्ट्र का एनसीपी विवाद 6 महीने में 10 से अधिक सुनवाई के बाद आया सुलझाते हुए, अजीत पवार के गुट के पक्ष में फैसला सुनाया. इसके साथ ही आयोग ने अपने नए गठन के लिए नाम का दावा करने और आयोग को तीन प्राथमिकताएं जमा करने का एक बार का विकल्प प्रदान किया है, जिसकी समय सीमा 7 फरवरी को दोपहर 3 बजे निर्धारित की गई है.
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अजित ने अपने गुट के साथ पार्टी पर किया था दावा...
मालूम हो कि, अभी कुछ वक्त पहले ही भारतीय राजनीति के दिग्गज नेताओं में शुमार शरद पवार और उनके भतीजे अजित पवार के बीच ये एनसीपी विवाद सामने आया था, जहां अजित पवार ने बगावत करते हुए पार्टी से अलग होकर अपने गुट के साथ पार्टी पर दावा किया था.
उस वक्त ये न सिर्फ राज्य, बल्कि देशभर की राजनीतिक सुर्खियां बटोर रहा था. उम्मीद थी कि, शिवसेना की तरह ही इस बार भी अजित पवार के गुट को ही असली एनसीपी की मान्यता प्राप्त होगी और हुआ भी बिल्कुल यही ही, लंबे वक्त बाद आखिरकार चुनाव आयोग ने फैसला सुनाया और अजित पवार के गुट को असली एनसीपी करार दिया.
Source : News Nation Bureau