Yes Bank: राणा कपूर के खिलाफ लुक आउट नोटिस जारी, मनी लॉन्ड्रिंग के तहत मुकदमा दर्ज

यस बैंक के पूर्व सीईओ राणा कपूर (Rana Kapoor) के खिलाफ लुक आउट नोटिस जारी किया गया है तो वहीं उनकी तलाशी के लिए प्रवर्तन निदेशालय (ED) की टीम भी मुंबई में उनके घर पहुंची.

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Deepak Pandey
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यस बैंक के पूर्व सीईओ राणा कपूर( Photo Credit : फाइल फोटो)

यस बैंक (Yes Bank) के पूर्व सीईओ राणा कपूर (Rana Kapoor) के खिलाफ लुक आउट नोटिस जारी किया गया है तो वहीं उनकी तलाशी के लिए प्रवर्तन निदेशालय (ED) की टीम भी मुंबई में उनके घर पहुंची. ईडी की टीम ने पहले मनी लॉन्ड्रिंग (पीएमएलए) के तहत राणा कपूर के खिलाफ मकुदमा दर्ज कर लिया है. इसके बाद ईडी के अधिकारियों ने पीएमएलए के तहत राणा कपूर के घर की तलाशी ली. इसके साथ ही राणा कपूर के खिलाफ लुक आउट नोटिस जारी किया गया है, ताकि वो देश छोड़कर विदेश न भाग जाए. ईडी की टीम ने ऐसे वक्त में राणा कपूर के घर तलाशी ली है, जब यस बैंक संकट के दौर से गुजर रहा है.

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साल 2004 में राणा कपूर और अशोक कपूर के जरिए यस बैंक को शुरू किया गया था, जिन्हें उस दौर में दिग्गज प्रोफेशनल माना जाता था. राणा कपूर ने दिल्ली स्थित श्रीराम कॉलेज ऑफ कॉमर्स से पढ़ने के बाद न्यूजर्सी के रटगर्स यूनिवर्स‍िटी से एमबीए किया था. उन्होंने बैंक ऑफ अमेरिका में 16 साल तक नौकरी की थी. आपको बता दें कि देश के कई दिग्गज प्रोफेशनल के जरिए शुरू किया गया निजी क्षेत्र का यस बैंक संकट में फंस गया है. इसके बोर्ड का संचालन रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया ने अपने हाथों में लेते हुए इससे महीने में 50 हजार रुपये तक की ही निकासी होने की सीमा तय कर दी है. सरकार ने इसे संकट से दूर करने के लिए कवायद भी शुरू कर दी है.

यस बैंक के पुनर्गठन का ऐलान

आरबीआई ने येस बैंक के लिए री-स्‍ट्रक्‍चरिंग प्‍लान का ऐलान किया है. ये प्‍लान एक महीने के भीतर ही लाया जाएगा. सरकार की ओर से दी गई जानकारी के अनुसार, एसबीआई ने येस बैंक में हिस्‍सेदारी खरीदने में दिलचस्‍पी दिखाई है. निवेशक बैंक अगले तीन साल के लिए 49 फीसदी हिस्‍सेदारी ले सकता है. वहीं, अपनी हिस्‍सेदारी 26 फीसदी से कम नहीं कर सकता है.

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वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने की प्रेस कॉन्फ्रेंस

वित्‍त मंत्री निर्मला सीतारमण (Nirmala Sitharaman) ने प्रेसवार्ता कर बताया कि आरबीआई साल 2017 से यस बैंक पर निगरानी कर रहा था. 2018 में केंद्रीय बैंक ने यस बैंक में गड़बड़ी की पहचान कर ली थी, जबकि 2019 में यस बैंक पर एक करोड़ का जुर्माना भी लगाया गया था. वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि आरबीआई 2017 से यस बैंक को काफी पहले से मॉनिटर कर रहा था. 2004 से एक ही मैनेजमेंट काम कर रहा था. सितंबर 2018 में कहा गया कि मैनेजमेंट बदलना चाहिए. प्रमोटर्स और टाइम मांग रहे थे, लेकिन आरबीआई ने आगे टाइम नहीं दिया. मार्च 2019 में यस बैंक पर एक करोड़ का जुर्माना लगाया गया था. यह जुर्माना यस बैंक की कारोबारी गतिविधियों पर लगा था.

वित्त मंत्रालय ने आरबीआई से पूछा, कहां-कहां खामियां हुई हैं

वित्त मंत्री ने आगे कहा कि यस बैंक ने कई बार कहा कि बैंक अपने टारगेट को पूरा कर रहा है, लेकिन वो कर नहीं पाया. वित्त मंत्रालय ने आरबीआई से पूछा है कि कहां-कहां खामियां हुई हैं. खाताधारकों को परेशानी न हो इसके लिए कदम उठाए जा रहे हैं. आरबीआई ने यस बैंक के पुनर्गठन के लिए काम शुरू कर दिया है. नए बोर्ड का जल्द गठन होगा. सैलरी एक साल तक के लिए पूरी तरह सुरक्षित है. मैं खाताधारकों को भरोसा दिलाती हूं कि उनका पैसा सुरक्षित है. निर्मला ने आगे कहा कि मार्च 2019 में जांच एजेंसियों और सेबी ने बैंक के सीनियर अधिकारियों को संदिग्ध गतिविधियों में संलिप्त पाया था.

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