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अनिल देशमुख के घर पर ईडी ने मारा छापा, पूर्व गृह मंत्री ने कही ये बात

प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने कथित मनी लॉन्ड्रिंग मामले में महाराष्ट्र के पूर्व गृह मंत्री अनिल देशमुख के नागपुर स्थित आवास पर छापा मारा. वर्ली, मुंबई में भी पूर्व गृह मंत्री अनिल देशमुख के आवास पर प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) मुंबई और नागपुर में उनके आवासों पर छापेमारी की.

Updated on: 25 Jun 2021, 09:09 PM

highlights

  • अनिल देशमुख पर केंद्रीय जांच एजेंसियों का शिकंजा कसता जा रहा है
  • हाईकोर्ट के निर्देश पर सीबीआइ भी उन पर लगे इन्हीं आरोपों की जांच कर रही है
  • मुंबई के पूर्व पुलिस आयुक्त परमबीर सिंह ने मुख्यमंत्री को पत्र लिखकर आरोप लगाए थे

 

 

मुंबई:

प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने कथित मनी लॉन्ड्रिंग मामले में महाराष्ट्र के पूर्व गृह मंत्री अनिल देशमुख के नागपुर स्थित आवास पर छापा मारा. वर्ली, मुंबई में भी पूर्व गृह मंत्री अनिल देशमुख के आवास पर प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) मुंबई और नागपुर में उनके आवासों पर छापेमारी की. वहीं, महाराष्ट्र के पूर्व गृह मंत्री अनिल देशमुख ने मीडिया से बातचीत करते हुए कहा कि आप जानते हैं परमबीर सिंह ने मुंबई पुलिस कमिश्नर के पद से हटाए जाने के बाद मुझ पर झूठे आरोप लगाए क्योंकि उनकी भूमिका बेहद संदिग्ध थी. जब वह पद पर थे तब उन्होंने आरोप क्यों नहीं लगाए?.

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पूर्व गृह मंत्री केंद्रीय जांच एजेंसियों का शिकंजा कसता जा रहा

दरअसल, महाराष्ट्र के पूर्व गृह मंत्री अनिल देशमुख पर केंद्रीय जांच एजेंसियों का शिकंजा कसता जा रहा है. प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) को पता चला है कि मुंबई के 10 बार मालिकों ने देशमुख को तीन महीने में चार करोड़ रुपये दिए. दूसरी ओर, ईडी ने शुक्रवार को देशमुख के नागपुर और मुंबई के ठिकानों पर दूसरी बार छापेमारी की. पुलिस अधिकारियों को प्रतिमाह 100 करोड़ रुपये की वसूली का टार्गेट देने के कारण ही देशमुख को गृह मंत्री के पद से इस्तीफा देना पड़ा था.

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हाईकोर्ट के निर्देश पर सीबीआइ भी उन पर लगे इन्हीं आरोपों की जांच कर रही है

हाईकोर्ट के निर्देश पर सीबीआइ भी उन पर लगे इन्हीं आरोपों की जांच कर रही है. उन पर ये आरोप मुंबई के पूर्व पुलिस आयुक्त परमबीर सिंह ने मुख्यमंत्री को पत्र लिखकर लगाए थे. इसके अलावा अंटीलिया प्रकरण एवं मनसुख हिरेन हत्याकांड में गिरफ्तार हो चुके मुंबई पुलिस के बर्खास्त एपीआइ सचिन वाझे ने भी एनआइए अदालत को लिखे पत्र में देशमुख पर यही आरोप लगाए थे. देशमुख ने वाझे को ही अपने सरकारी आवास ज्ञानेश्वरी पर बुलाकर उसे हर महीने 100 करोड़ रुपये की वसूली का आदेश दिया था.