महाराष्ट्र के पूर्व गृहमंत्री अनिल देशमुख (Mahashtra Former Home Minister Anil Deshmukh) की मुश्किले खत्म होने का नाम नहीं ले रही हैं. अनिल पर मुंबई पुलिस के पूर्व पुलिस कमिश्नर परमबीर सिंह (Parambir Singh) ने भ्रष्टाचार करने का आरोप लगाया था. जिसके बाद उन्हें गृहमंत्री की कुर्सी भी गंवानी पड़ी थी. इसके बाद सीबीआई (CBI) ने उनके खिलाफ जांच शुरू कर दी है. अब अनिल देशमुख प्रवर्तन निदेशालय (ED) की रडार में भी आ गए हैं. प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने देशमुख के खिलाफ मनी लॉन्ड्रिंग (Money Laundering) का मामला दर्ज किया है. यह मामला सीबीआई की एफआईआर के आधार पर दर्ज किया गया है.
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बेटे भी CBI के लपेटे में आए
अनिल देशमुख के दो बेटों सलिल देशमुख और हृषिकेश देशमुख की स्वामित्व वाली आधा दर्जन से अधिक फर्मों में से एक कोलकाता की कंपनी है जो केंद्रीय जांच ब्यूरो (CBI) की जांच के दायरे में आई है. जानकारी के मुताबिक कोलकाता की कंपनी एक ऐसे पते से चल रही है जो शेल कंपनियों का एक हॉटस्पॉट है. जानकारी के मुताबिक देशमुख के बेटों सलिल देशमुख और हृषिकेश देशमुख के स्वामित्व वाली कंपनियों के वित्तीय रिकॉर्ड की जांच की जा रही है, जिसमें कोलकाता स्थित जोडिएक डीलकॉम (Zodiac Dealcom) कंपनी भी शामिल है.
परमबीर सिंह का ट्रांसफर पर दी सफाई
महाराष्ट्र के पूर्व गृहमंत्री अनिल देशमुख ने ट्वीट कर दावा किया है कि उन्होंने परमबीर सिंह का ट्रांसफर कर दिया था, इसलिए परमबीर सिंह ने उन पर आरोप लगाए थे. उन्होंने ट्वीट कर लिखा था कि 'एंटीलिया और मनसुख हिरेन के मृत्यु के मामले में परमबीर सिंह और सचिन वाजे की संदेहास्पद भूमिका को देखते हुए सिंह का ट्रांसफर किया गया था जिसके बाद उन्होंने मेरे ऊपर झूठे आरोप लगाए.'
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बॉम्बे हाईकोर्ट से लगा झटका
बॉम्बे हाईकोर्ट ने भ्रष्टाचार के मामले में सीबीआई की एफआईआर को चुनौती देने वाली अनिल देशमुख की याचिका खारिज कर दी. साथ ही बॉम्बे हाईकोर्ट ने सीबीआई से 4 सप्ताह में देशमुख की याचिका पर जवाब दाखिल करने को कहा है. मामले में अगली सुनवाई अदालत के ग्रीष्मकालीन अवकाश के बाद होगी.
HIGHLIGHTS
- देशमुख के खिलाफ ED ने दर्ज किया मामला
- CBI की FIR के आधार पर दर्ज किया मामला
- देशमुख को बॉम्बे हाईकोर्ट से लगा झटका