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ईडी ने सुशील कुमार शिंदे की बेटी-दामाद की संपत्ति कुर्क की

प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने मैक स्टार मामले में अपनी जांच के सिलसिले में पूर्व केंद्रीय गृह मंत्री और महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री सुशील कुमार शिंदे की बेटी और दामाद के स्वामित्व वाली 35.48 करोड़ रुपये की संपत्ति कुर्क की है.

Updated on: 16 Mar 2021, 05:34 PM

highlights

  • पूर्व मुख्यमंत्री की बेटी और दामाद के स्वामित्व वाली 35.48 करोड़ रुपये की संपत्ति कुर्क की है
  • मुंबई के अंधेरी ईस्ट में कैलेडोनिया इमारत में 10,550 वर्ग फुट क्षेत्र की दो कर्मशियल प्रॉपर्टीज हैं.
  • 'उन्होंने दूसरी संपत्ति के लिए अब तक केवल 10 करोड़ रुपये का भुगतान किया है'

मुंबई:

प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने मैक स्टार मामले में अपनी जांच के सिलसिले में पूर्व केंद्रीय गृह मंत्री और महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री सुशील कुमार शिंदे की बेटी और दामाद के स्वामित्व वाली 35.48 करोड़ रुपये की संपत्ति कुर्क की है. ईडी के एक अधिकारी ने यहां कहा कि वित्तीय जांच एजेंसी ने शिंदे की बेटी प्रीति श्रॉफ और दामाद राज श्रॉफ की संपत्तियों को बैंक फ्रॉड केस (मैक स्टार मामला) में मनी लॉन्ड्रिंग रोकथाम अधिनियम (पीएमएलए) के तहत कुर्क कर दिया है. प्रीति और राज क्रमश: जिंदल कंबाइन्स प्राइवेट लिमिटेड और ऑरलैंडो ट्रेडिंग प्राइवेट लिमिटेड के मालिक हैं. बहरहाल, बैंक फ्रॉड केस में एचडीआईएल सहित कई कंपनियों के प्रमोटर राकेश वधावन और सारंग वधावन शामिल हैं.

अधिकारी ने कहा कि जिन संपत्तियों का कुर्क किया गया है वे दो वाणिज्यिक संपत्तियों के रूप में हैं. मुंबई के अंधेरी ईस्ट में कैलेडोनिया इमारत में 10,550 वर्ग फुट क्षेत्र की दो कर्मशियल प्रॉपर्टीज हैं.

अधिकारी ने कहा कि ईडी की जांच में पता चला है कि वधावन बुधंओं ने 2014 में अंधेरी ईस्ट की कैलेडोनिया बिल्डिंग में स्थित मैक स्टार की एक कर्मशियल प्रॉपर्टी को अवैध रूप से और धोखे से केवल 9.39 करोड़ रुपये में जिंदल कंबाइन्स प्राइवेट लिमिटेड में स्थानांतरित कर दिया, जबकि उस समय इसकी मार्केट वैल्यू 15.64 करोड़ रुपये थी.

इसी तरह, 2016 में दूसरी कर्मशियल प्रॉपर्टी को 18 करोड़ रुपये के अनुबंध मूल्य पर ऑरलैंडो ट्रेडिंग प्राइवेट लिमिटेड में स्थानांतरित कर दिया, जबकि उस समय उसकी मार्केट वैल्यू 19.84 करोड़ रुपये थी.

अधिकारी ने कहा, "हालांकि, उन्होंने दूसरी संपत्ति के लिए अब तक केवल 10 करोड़ रुपये का भुगतान किया है. इन दोनों कंपनियों को इन संपत्तियों के लिए क्रमश: 1.76 करोड़ रुपये और प्रति वर्ष 1.39 करोड़ रुपये का किराया मिल रहा है."  टिप्पणी के लिए राज श्रॉफ से संपर्क करने की कोशिश की गई, लेकिन स्टोरी लिखे जाने तक कई बार किए गए कॉल और संदेश का कोई जवाब नहीं मिला.