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उद्धव ठाकरे ने पलायन करने वाले मजदूरों को लेकर किया बड़ा ऐलान, कहा- 5 रुपए में...

महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे (uddhav thackeray) ने रविवार को एक बार फिर से आश्वस्त किया कि उनकी सरकार सभी प्रवासी मजदूरों की देखभाल करेगी और मूलभूत जरूरतें जैसे खाना पानी उपलब्ध कराएगी.

Updated on: 29 Mar 2020, 04:06 PM

मुंबई:

महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे (uddhav thackeray) ने रविवार को एक बार फिर से आश्वस्त किया कि उनकी सरकार सभी प्रवासी मजदूरों की देखभाल करेगी और मूलभूत जरूरतें जैसे खाना पानी उपलब्ध कराएगी. वेबकास्ट के जरिये उन्होंने बताया कि ‘‘ शिव भोजन’’ योजना के तहत एक अप्रैल से 10 रुपये के बजाय पांच रुपये में खाना मिलेगा.

ठाकरे ने बताया कि पूरे राज्य में पहले ही 163 केंद्र स्थापित किए जा चुके हैं जहां पर प्रवासी मजदूरों को खाना और पानी मुहैया कराया जा रहा है. उन्होंने कहा, ‘राज्य उनकी रक्षा करेगा और खाना मुहैया कराएगा लेकिन उन्हें अपने स्थानों को छोड़कर नहीं जाना चाहिए. मैं समझ सकता हूं कि वे चिंतित हैं लेकिन उन्हें नहीं जाना चाहिए. उन्हें संक्रमण के खतरे को बढ़ाने से बचना चाहिए.’

मजदूर लौट रहे हैं अपने घर 

गौरतलब है कि कोरोना वायरस (Coronavirus) के संक्रमण को रोकने के लिए राष्ट्रव्यापी बंदी लागू की गई है जिसकी वजह से कई मजदूरों के पास काम नहीं है और वे अपने पैतृक स्थानों को लौट रहे हैं. कई लोग पैदल अपने घरों की ओर जा रहे हैं जबकि कुछ राज्य से बाहर निकलने के लिए सामान के ट्रकों और ट्रैम्पों का सहारा ले रहे हैं लेकिन पुलिस जांच के दौरान पकड़े जा रहे हैं. इस बीच स्वास्थ्य अधिकारी ने रविवार को बताया कि 12 नये मामलों के साथ महाराष्ट्र में कोरेाना वायरस संक्रमितों की संख्या 193 हो गई है.

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केंद्र ने राज्य सरकारों को दिए निर्देश मजदूरों को रोक सुविधा दी जाए

इधर केंद्र ने भी राज्य सरकारों को निर्देश भी दिए हैं कि पलायन पर आमादा मजदूरों के लिए उनके कार्यस्थल पर ही सारी सुविधाएं जुटा कर दी जाएं. इसमें मजदूरों के वेतन-भत्ते भी शामिल हैं. इसके साथ ही केंद्र ने राज्यों को ऐसे लोगों के खिलाफ कार्रवाई (Strict Action) की भी हरी झंडी दे दी है, जो विद्यार्थियों और मजदूरों से घर खाली करने को कह रहे हैं.

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कोरोना को रोकने के लिए पूरे देश भर में लॉकडाउन

गौरतलब है कि मंगलवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कोरोना वायरस संक्रमण से लड़ाई में देश भर में लॉकडाउन की घोषणा की थी. इसके अगले ही दिन से दिल्ली समेत देश के बड़े शहरों में पढ़ाई करने और दो वक्त की रोटी कमाने आए मजदूरों में बेचैनी साफ देखी जा रही थी. इस वर्ग का संयम अंततः टूट गया और वह दसियों हजार की संख्या में सैकड़ों किलोमीटर दूर अपने-अपने घरों की ओर पैदल ही निकल लिए.