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कोरोना संक्रमण काल में भी शिवसेना को मिल गया राजनीति चमकाने का बहाना

हजारों की संख्या में प्रवासी मजदूर महाराष्ट्र से पलायन कर चुके हैं. इसी बीच शिवसेना नेता ने सुभाष देसाई ने राज्य सरकार से मांग की है कि महाराष्ट्र से पलायन कर रहे मजदूरों की जगह स्थानीय युवकों के लिए रोजगार के अवसर प्रदान किए जाएं.

Updated on: 16 May 2020, 02:31 PM

मुंबई:

कोरोना वायरस के कारण देशभर में लगे लॉकडाउन के बाद प्रवासी श्रमिक पलायन को मजबूर हो गए हैं. हजारों की संख्या में प्रवासी मजदूर महाराष्ट्र से पलायन कर चुके हैं. इसी बीच शिवसेना नेता ने सुभाष देसाई ने राज्य सरकार से मांग की है कि महाराष्ट्र से पलायन कर रहे मजदूरों की जगह स्थानीय युवकों के लिए रोजगार के अवसर प्रदान किए जाएं.

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सुभाष देसाई ने कहा कि प्रवासी श्रमिकों के पलायन से महाराष्ट्र में स्थानीय स्तर पर रोजगार के नए अवसर उपलब्ध होंगे. जिनमें प्राथमिकता स्थानीय लोगों को मिलनी चाहिए.  यह कदम महाराष्ट्र से बहुत हद तक बेरोजगारी को दूर करने में कारगर साबित होगा. हालांकि देसाई के इस मांग का उत्तर भारतीय नेता विरोध भी कर रहे हैं. उन्होंने इस मांग को बिल्कुल गलत ठहराया है. बीजेपी ने आरोप लगाया है कि संकट के समय में मजदूर पलायन करने को मजबूर हुए और अपना पेट पालने के लिए वह स्थिति के सुधरने पर दोबारा महाराष्ट्र लौट सकते हैं लेकिन उनके रोजगार को किसी और को दे दिया जाना उनके साथ एक धोखा होगा.

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गौरतलब है कि इससे पहले भी महाराष्ट्र में उत्तर भारतीयों के साथ भेदभाव के मामले पहले भी सामने आ चुके हैं. शिवसेना पहले भी स्थानीय लोगों को रोजगार के असवर देने की मांग करती रही है. ऐसे में जब लॉकडाउन के कारण प्रवासी मजदूर पलायन को मजबूर हैं, ऐसे में महाराष्ट्र में उत्तर भारतीयों के साथ भेदभाव का मामला एक बार फिर गर्म होता दिख रहा है.