मुंबई में दोबारा खुलेंगे डांस बार, सुप्रीम कोर्ट ने दी हरी झंडी पर लगाईं ये 4 बड़ी शर्तें

मुंबई में डांस बार (Dance Bar) को लेकर महाराष्ट्र सरकार द्वारा बनाए गए कानून पर सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) अपना सुरक्षित रखा फैसला सुना दिया

मुंबई में डांस बार (Dance Bar) को लेकर महाराष्ट्र सरकार द्वारा बनाए गए कानून पर सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) अपना सुरक्षित रखा फैसला सुना दिया

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Drigraj Madheshia
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मुंबई में दोबारा खुलेंगे डांस बार, सुप्रीम कोर्ट ने दी हरी झंडी पर लगाईं ये 4 बड़ी शर्तें

सुप्रीम कोर्ट की प्रतीकात्‍मक तस्वीर

मुंबई में डांस बार (Dance Bar) को लेकर महाराष्ट्र सरकार द्वारा बनाए गए कानून पर सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) अपना सुरक्षित रखा फैसला सुना दिया. फैसले के मुताबिक डांस बार रात 11ः30 बजे तक खुले रहेंगे. सुप्रीम कोर्ट ने गुरुवार को कुछ शर्तों के साथ डांस बार पर लगी रोक हटा दी. सुप्रीम कोर्ट ने डांसिंग एरिया में सीसीटीवी लगाने के प्रस्‍ताव को भी रद कर दिया. कोर्ट का कहना है कि बार डांसरों पर पैसे नहीं उछाले जा सकेंगे. उन्‍हें टिप दिया जा सकता है.  कोर्ट ने रात 11:30 बजे तक ही डांस बार खोलने की इजाजत दी है. साथ ही स्‍कूल और धार्मिक स्‍थलों से दूर खोलने होंगे डांस बार.

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बता दें सुनवाई के दौरान महाराष्ट्र की फणनवीस सरकार की दलील थी कि नया कानून गैरकानूनी गतिविधियों और महिलाओं का शोषण भी रोकता है. इस नए कानून को इंडियन होटल एंड रेस्टोरेंट एसोसिएशन ने सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी है.

सुप्रीम कोर्ट से कुछ शर्तों के साथ डांस बार संचालकों को राहत

  • सुप्रीम कोर्ट ने कहा- डांस बार एरिया ओर ग्राहकों के बीच दीवार नहीं होगी. सरकार ने नियम तय किया था कि ग्राहक ओर dancers के बीच एक 3 फुट ऊंची दीवार बनाई जाए, जिससे हरहक डांस तो देख सके मगर उन तक जा न सके.
  • मुम्बई जैसे क्षेत्र में धार्मिक जगहों से एक किलोमीटर की दूरी पर डांस बार होने का नियम तर्क संगत नहीं है.
  • ग्राहक dancers को टिप दे सकते हैं, मगर पैसे लुटाएंगे नहीं.
  • कोर्ट ने कहा कि डांसर और मालिक के बीच वेतन फिक्स करना सही नहीं. ये अधिकार सरकार का नहीं बल्कि मालिक और डांसर के बीच आपसी कॉन्ट्रैक्ट का मामला है.
  • कोर्ट ने कहा कि शाम 6,30 से 11,30 तक ही बार खोलने की अनुमति होगी.
  • कोर्ट ने डांस बार मे cctv लगाने के नियम को भी खारिज किया.

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अगस्त में जस्टिस एके सिकरी और जस्टिस अशोक भूषण की एक बेंच ने इस मामले की सुनवाई करते हुए कहा था कि वक्त के साथ अश्लीलता की परिभाषाएं भी बदलती रही हैं.जजों ने बॉलिवुड फिल्मों का हवाला दिया जिनमें शुरुआती दौर में लव मेकिंग और किसिंग सीन दिखाने का चलन नहीं था और उसकी जगह चिड़ियों या फूलों के जरिए ऐसे सीन को दिखाया जाता था.

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सुनवाई के दौरानन कोर्ट ने कहा था कि जीविका कमाने का अधिकार सभी को है. इससे पहले सुप्रीम कोर्ट ने राज्य सरकार द्वारा लगाई गई पाबंदी को हटा दिया था, जिसके बाद सरकार ने नए लाइसेंस देने के लिए नियाम और कड़े कर दिए थे. नए कानून के अनुसार, बार केवल शाम 6:30 से रात 11:30 बजे तक ही खुल सकते हैं. राज्य में ऐसे किसी भी बार या होटल में शराब नहीं परोसी जाएगी, जहां लड़कियां डांस करती हैं.

Source : News Nation Bureau

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