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कोर्ट ने Nawab Malik के बयान के खिलाफ शिकायत की जांच करने का दिया आदेश

महाराष्ट्र के वाशिम सत्र न्यायालय ने पुलिस को राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) के नेता और पूर्व मंत्री नवाब मलिक (जो वर्तमान में जेल में हैं) द्वारा आईआरएस अधिकारी समीर वानखेड़े के खिलाफ दिए गए कुछ कथित बयानों की जांच करने का आदेश दिया है. अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश हेमंत एम. देशपांडे ने आईआरएस अधिकारी के चचेरे भाई संजय एस. वानखेड़े द्वारा दर्ज कराई गई शिकायत के बाद वाशिम (शहर) पुलिस स्टेशन को जांच करने और अपनी रिपोर्ट जमा करने के लिए कहा है.

Updated on: 16 Nov 2022, 02:24 PM

वाशिम (महाराष्ट्र):

महाराष्ट्र के वाशिम सत्र न्यायालय ने पुलिस को राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) के नेता और पूर्व मंत्री नवाब मलिक (जो वर्तमान में जेल में हैं) द्वारा आईआरएस अधिकारी समीर वानखेड़े के खिलाफ दिए गए कुछ कथित बयानों की जांच करने का आदेश दिया है. अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश हेमंत एम. देशपांडे ने आईआरएस अधिकारी के चचेरे भाई संजय एस. वानखेड़े द्वारा दर्ज कराई गई शिकायत के बाद वाशिम (शहर) पुलिस स्टेशन को जांच करने और अपनी रिपोर्ट जमा करने के लिए कहा है.

अपनी शिकायत में, संजय एस. वानखेड़े ने समीर वानखेड़े और उनके परिवार के जाति और जाति प्रमाण पत्र से संबंधित कथित अपमानजनक और झूठे बयानों के लिए मलिक के खिलाफ एससीएसटी (अत्याचार निवारण) अधिनियम के तहत जांच की मांग की. यह देखते हुए कि पुलिस ने 6 नवंबर, 2021 को प्रस्तुत शिकायत पर कार्रवाई नहीं की, न्यायाधीश देशपांडे ने कहा कि लगाए गए आरोपों पर विचार करते हुए, वर्तमान मामले में एक जांच आवश्यक है.

मलिक ने प्रेस कॉन्फ्रेंस और सोशल मीडिया पर समीर वानखेड़े और उनके परिवार के सदस्यों पर जाति, सरकारी नौकरी पाने के लिए जाली दस्तावेज प्रस्तुत करने के आरोप लगाए थे. इस साल फरवरी में, प्रवर्तन निदेशालय ने मलिक को एक कथित मनी-लॉन्ड्रिंग मामले में गिरफ्तार किया था और तब से वह हिरासत में है.

समीर वानखेड़े ने यह कहकर पलटवार किया था कि मलिक उनके पीछे पड़े हैं क्योंकि एनसीबी ने उनके दामाद को पहले ड्रग से संबंधित मामले में गिरफ्तार किया था.

मामले में क्लीन चिट मिलने के बाद, समीर वानखेड़े ने कार्रवाई की मांग करते हुए अगस्त में मुंबई पुलिस के पास मलिक के खिलाफ स्वतंत्र शिकायत दर्ज कराई थी.