Lockdown Effect: महाराष्ट्र के 1800 किसान पहुंचे बर्बादी के कगार पर

लाॅकडाउन में जगह-जगह फंसे लोगों की मुसीबतें दिनोदिन बढ़ती जा रही है. लेकिन सबसे बड़ी मुसीबत उन किसानों को हो गयी है जो पिछले 28 दिन से आबू रोड स्थित ब्रह्माकुमारीज संस्थान में फंसे हुए है. वे संस्थान के के योग शिविर में भाग लेने आये थे परन्तु कार्यक्रम

लाॅकडाउन में जगह-जगह फंसे लोगों की मुसीबतें दिनोदिन बढ़ती जा रही है. लेकिन सबसे बड़ी मुसीबत उन किसानों को हो गयी है जो पिछले 28 दिन से आबू रोड स्थित ब्रह्माकुमारीज संस्थान में फंसे हुए है. वे संस्थान के के योग शिविर में भाग लेने आये थे परन्तु कार्यक्रम

author-image
Vineeta Mandal
New Update
farmers

Farmers( Photo Credit : (सांकेतिक चित्र))

CoronaVirus Lockdown (Covid-19)छ लाॅकडाउन में जगह-जगह फंसे लोगों की मुसीबतें दिनोदिन बढ़ती जा रही है. लेकिन सबसे बड़ी मुसीबत उन किसानों को हो गयी है जो पिछले 28 दिन से आबू रोड स्थित ब्रह्माकुमारीज संस्थान में फंसे हुए है. वो संस्थान के के योग शिविर में भाग लेने आये थे लेकिन कार्यक्रम कैंसल होने की वजह से 23 मार्च को वापस जाने का रिजर्वेशन था लेकिन लाॅक डाउन होने से ट्रेन कैंसिल हो गई और अभी तक फंसे हुए है.

Advertisment

महाराष्ट्, तेलंगाना तथा आन्ध्र प्रदेश से करीब पांच हजार लोग आये थे परन्तु उसमें तीन हजार चले गये और दो हजार लोग फंस गए. किसानों तथा अन्य लोगों के रहने खाने व पीने की पूरी सुविधा तो ब्रह्माकुमारीज संस्थान उपलब्ध करा रहा है. लेकिन ज्यादा चिंता उन्हें अपने आजीविका खेती की है.

और पढ़ें: महाराष्ट्र में 1,300 से अधिक कंपनियों को मिली लॉकडाउन में काम करने की छूट

किसानों का कहना है कि वर्ष की पहली खेती पानी के कारण चली गयी और दूसरी खेती अब पक चुकी है. यदि समय पर कटाई नहीं हुई तो हम बर्बाद हो जायेंगे. बहुत सारे ऐसे किसान भी है जिन्होंने कर्ज लेकर फंसले लगायी है. अगर ऐसे में यदि किसानों को जल्दी नहीं भेजा गया तो उन्हें बर्बाद होने से कोई रोक नहीं सकता.

ब्रह्माकुमारीज संस्थान ने देश के गृहमंत्री अमित शाह, राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत, महाराष्ट् के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे तथा आन्ध्र प्रदेश व तेलंगाना के मुख्यमंत्रियों को भी पत्र लिखकर उन्हें अपने घर बुलाने के लिए पत्र लिखा है. साथ ही रेलवे मंत्रालय को एक पत्र लिखकर एक विशेष ट्रेन देने का भी आग्रह किया है ताकि उन्हें शिघ्रता पूर्वक भेजा जा सके.

सुकुन देने वाली बात यह है कि सिरोही जिले में अभी तक एक भी कोरोना का मरीज नहीं मिला है. गीन जोन में है और जो लोग ब्रह्माकुमारीज संस्थान में रुके है उनकी नियमित स्वास्थ्य चेकअप, भोजन, राजयोग आदि कराया जाता जाता है. साथ ही महाराष्ट् में कई ऐसे जिले है जिसे ग्रीन जोन घोषित किया गया है. यदि प्रशासन से सहयोग मिलेगा तो इन 18 सौ लोगों की जिन्दगी बच जायेगी. अधिकतर काश्तकारों के जीविका का साधन केवल कृषि ही है. यही कारण है कि वे दिनरात इसी उलझन में जी रहे है.

और पढ़ें: दिल्ली के बाद मुंबई में भी सोशल डिस्टेंसिंग की अवहेलना, सब्जी मंडी में उमड़ी लोगों की भीड़

हालांकि ब्रह्माकुमारीज संस्थान इन किसानों के खाने पीने से लेकर हर चीज का ध्यान रख रही है. साथ राजयोग और ध्यान भी करा रही है लेकिन लोगों की चिंता अपने फसलों के बर्बाद होने को लेकर है. संस्थान की पहल पर रेलवे के जीएम ने सभी किसानों की पूरी सूचि भी मंगाई है. लेकिन अभी तक कोई सकारात्मक उत्तर नहीं मिला है.  

maharashtra covid-19 corona-virus farmers coronavirus-covid-19 Maharashtra Farmers Corona Lockdown
      
Advertisment