कोरोना रोकने के लिए महाराष्ट्र सरकार का अनोखा फैसला, कराएगी गांवों में प्रतियोगिता
ग्रामीणों क्षेत्रों में कोरोना के अटैक से हाहाकार मचा हुआ है. इस बीच महाराष्ट्र सरकार ग्रामीण बस्तियों से वायरस को दूर भगाने के लिए एक अनूठा प्रस्ताव लेकर आई है.
highlights
- कोरोना से निपटने के लिए प्रतियोगिता
- कोविड मुक्त गांव प्रतियोगिता की घोषणा
- अव्वल आने वाली 3 ग्राम पंचायतों को इनाम
मुंबई:
कोरोना संक्रमण की पहली लहर में गांव सुरक्षित रहे थे, मगर दूसरी लहर ने ग्रामीण इलाकों को भी चपेट में ले लिया है. ग्रामीणों क्षेत्रों में कोरोना के अटैक से हाहाकार मचा हुआ है. इस बीच महाराष्ट्र सरकार ग्रामीण बस्तियों से वायरस को दूर भगाने के लिए एक अनूठा प्रस्ताव लेकर आई है. महाराष्ट्र के 5 छोटे गांवों को मई में स्वतंत्र रूप से कोविड-मुक्त गांव का दर्जा मिलने के बाद सरकार ने अनोखा फैसला लिया है. कोरोना रोकने के लिए महाराष्ट्र के गांवों में प्रतियोगिता कराने जाने तैयारी है, जिसकी घोषणा ग्रामीण विकास मंत्री हसन मुशरीफ ने की है.
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महाराष्ट्र के ग्रामीण विकास मंत्री हसन मुशरीफ ने ऐलान किया है कि कोरोना वायरस के प्रसार को रोकने के लिए कदमों को प्रोत्साहित करने के लिए महाराष्ट्र में कोरोना मुक्त ग्राम प्रतियोगिताएं आयोजित की जाएंगी. प्रत्येक राजस्व संभाग में कोविड-19 प्रबंधन में अच्छा कार्य करने पर तीन ग्राम पंचायतों को पुरस्कृत किया जाएगा. हसन मुशरीफ ने बताया कि पहला पुरस्कार 50 लाख रुपये, दूसरा 25 लाख रुपये और तीसरा 15 लाख रुपये होगा.
मुशरिफ ने कहा कि हम प्रत्येक मंडल में कुल 18 प्रथम, द्वितीय और तृतीय पुरस्कार देंगे. कुल राशि 5.40 करोड़ रुपये होगी. यह राशि विजेता गांव अपने आसपास के विकास और अन्य कार्यों पर खर्च करेंगे. उन्होंने कहा कि अगर गांव कोरोना से मुक्त हो जाते हैं, तो आम लोगों की भागीदारी से तालुकों, जिलों, क्षेत्रों और पूरे राज्य को इस संकट से जल्द से जल्द छुटकारा मिल जाएगा. मुशरिफ ने कहा कि विशेषज्ञों की एक विशेष समिति द्वारा 22 अलग-अलग मानदंडों के आधार पर गांवों का मूल्यांकन किया जाएगा, जिसका विवरण शीघ्र ही घोषित किया जाएगा. उन्होंने सभी गांवों से अपने क्षेत्रों को 'कोविड मुक्त' बनाने के लिए प्रतियोगिता में भाग लेने की अपील की.
दरअसल, इस प्रतियोगिता की योजना तब बनाई गई, जब पिछले हफ्ते मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने उन गांवों की प्रशंसा की जहां स्थानीय स्तर पर सख्त पहल करके कोरोनो वायरस के लिए 'दरवाजे बंद कर दिए' और एक राष्ट्रीय उदाहरण स्थापित किए गए.. इन गांवों में शामिल हैं : हिवरे बाजार, जहां पहल पद्मश्री पुरस्कार विजेता पोपटराव पवार से प्रेरित थी, और भोयारे खुर्द (दोनों अहमदनगर जिले में), नांदेड़ में भोसी, जिसने केंद्र की प्रतिष्ठा अर्जित की और सोलापुर जिले में अंत्रोली और घाटने गांव.
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संयोग से 21 वर्षीय शिक्षित युवक कोमल करपे वनस्पतिशास्त्री अंत्रोली के सरपंच हैं और घाटाने के सरपंच रुतुराज देशमुख वकील हैं. दोनों ने अपने-अपने गांवों को कोरोना मुक्त बनाने के प्रयासों के बाद रातोंरात प्रसिद्धि हासिल की, पिछले हफ्ते ही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मुख्यमंत्री ठाकरे से इसका उल्लेख किया था.
आपको बता दें कि फिलहाल कोरोना संक्रमण के मामलों में कमी आई है. महाराष्ट्र में बुधवार को 15,169 नए मामले सामने आए, जबकि 285 मरीजों की मौत हो गई. अकेले मुंबई में ही बुधवार को 925 नए कोविड मामले दर्ज किए गए. वहीं 31 मरीजों ने जान गंवाई. राज्य में 29,270 रिकवरी भी दर्ज की गई. फिलहाल प्रदेश में रिकवरी रेट 94.54 फीसदी है.
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